रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने दोहराया कि इन ट्रेनों का संचालन 85-15 प्रतिशत की केंद्र-राज्य भागीदारी पर किया गया। मजदूरों से कोई किराया नहीं लिया गया।
अपील की है कि जबतक अत्यंत आवश्यक ना हो रेल यात्रा करने से बचें। अधिकांश प्रवासी उत्तर प्रदेश से हैं, जो कि कुल संख्या का लगभग 42 प्रतिशत है, वहीं बिहार से कुल संख्या का 37 प्रतिशत है।
रेलवे ने अगले 10 दिनों में 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की योजना बनाई है और इनके लिए और 36 लाख मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
लेटेस्ट न्यूज़