पेटीएम की लिस्टिंग 18 नवंबर 2021 को 2,150 रुपये में हुई थी, जो गिरकर अब 700 रुपये पर है। इस तरह निवेशकों को प्रति शेयर करीब 1,450 रुपये का नुकसान हो चुका है।
अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
23 फरवरी से बात करें तो हिंडाल्को के शेयर 518 रुपये से बढ़कर 609 रुपये के पार पहुंच गया है। क्यों जारी है तेजी रूस और यूक्रेन के बीच में हाल के दिनों में तनाव बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में एल्युमीनियम (Aluminium) की कीमतें ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई ह। जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से घटते माल और आगे आपूर्ति प्रभावित होने की चिंता से एल्युमीनियम की कीमत 3,420 डॉलर पर पहुंच
सेंसेक्स 1700 अंक टूटकर पहली बार 53 हजार के नीचे 52640 अंक पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी भी 450 अंक गिरकर 15793 अंक पर कारोबार कर रहा है।
रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी किए जाने से एफपीआई प्रवाह अस्थिर रहने की आशंका है।
सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, भू-राजनीतिक अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक बाजार की वोलाटिलिटी को मौके के तौर पर इस्तेमाल कर अपने पार्टफोलियो मजबूत करने के साथ शानदार कमाई कर सकते हैं।
अगले हफ्ते भी बाजार पर रूसी-यूक्रेन संकट छाया रहेगा। इसके अलावा, घरेलू मोर्चे पर, आने वाले कई महत्वपूर्ण व्यापक आर्थिक आंकड़े जैसे 28 फरवरी को जीडीपी आंकड़े, इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट डेटा और 1 मार्च को ऑटो बिक्री के आंकड़े आएंगे। ये शेयर बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
बीते एक साल में स्मालकैप शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया है। लार्जकैप या मिडकैप इंडेक्स की तुलना में कई स्मालकैप ने कई गुना अधिक रिटर्न दिया है।
सेंसेक्स बुधवार को शुरुआती कारोबार में 300 अंकों से अधिक की तेजी लेकर 57,600 के स्तर पर पहुंच गया।
इंडिया VIX का पूरा नाम ही Voltility Index है। जब यह इंडेक्स चढ़ता है तो इससे पता चलता है कि निवेशक घबराए हुए हैं।
तीस शेयरों के सूचकांक सेंसेक्स में शामिल सभी शेयर नकारात्मक स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इन सभी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
सेंसेक्स में शामिल तीस में से 21 शेयर लाल निशान के साथ बंद हुए। सन फार्मा, टीसीएस और आईटीसी के शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा।
मुद्रास्फीति की चिंता, एफआईआई की लगातार बिकवाली और मासिक वायदा एवं विकल्प के निपटान से अगले सप्ताह अस्थिरता और बढ़ सकती है।
एक से 11 फरवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 10,080 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 4,830 करोड़ रुपये तथा हाइब्रिड माध्यमों से 24 करोड़ रुपये की निकासी की है।
सप्ताह के दौरान अडाणी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया, आयशर मोटर्स, अंबुजा सीमेंट्स, नेस्ले इंडिया, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज के तिमाही नतीजे आने हैं।
इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावरग्रिड के शेयर भी फायदे में रहे।
बाजर विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार ने फेड और रूस-यूक्रेन तनाव से संभावित नतीजों पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।
अगर आपके पोर्टफोलियो में शामिल किसी कंपनी पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ रहा हो तो यह खतरे का संकेत है। कर्ज बढ़ने का मतलब है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति कमजोर हो रही है।
लेटेस्ट न्यूज़