सेंसेक्स के शेयरों में भारती एयरटेल, टीसीएस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो तथा पावर ग्रिड प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
इस साल 20 जून को बीएसई स्मॉलकैप अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर 23,261.39 अंक पर आ गया था। यह 18 जनवरी को अपने एक साल के शिखर 31,304.44 अंक पर था।
विश्लेषकों का कहना है कि बाजार निवेशकों की निगाह रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी।
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 1,81,209.89 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे।
सेंसेक्स 399.69 अंक टूटकर 52,619.25 पर और निफ्टी 130.25 अंक की गिरावट के साथ 15,650 पर खुला था।
Blinkit की खरीदारी के बाद जोमैटो के शेयर बीते दो दिन में 15% टूट गए हैं, जिससे कंपनी के बाजार पूंजीकरण में लगभग 76.78 बिलियन रुपये की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने जून में (24 तारीख तक) इक्विटी से 45,841 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, हमें उम्मीद है कि जून महीने के वायदा सौदों के पूरा होने के कारण इस सप्ताह भी अस्थिरता अधिक रहेगी।
आज के कारोबारी सेशन में बाजार में दिग्गज शेयरों में मारुति के शेयर में सबसे बड़ी तेजी देखने को मिली।
यूनाइटेड पॉलीफैब गुजरात के इस मल्टीबैगर स्टॉक ने पिछले 5 ट्रेडिंग डे में निवेशकों को लगभग 33 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
एशियाई बाजारों में कमजोर रुख की वजह से बुधवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय बाजार गिरकर खुले थे।
वैश्विक बाजार में तेजी का असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिला। बाजार में सात दिन बाद जोरदार तेजी लौटी। एनर्जी, ऑटो, फार्मा और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी रही।
जेपी मॉर्गन के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में अनुमानित 0.75 गुना एंटरप्राइज वैल्यू (EV) के साथ एलआई का शेयर सबसे सस्ता है।
वैश्विक बाजार में खरीदारी लौटने से भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिली। लॉर्ज कैप स्टॉक में सबसे ज्यादा रिकवरी देखने को मिली।
फेडरल रिजर्व, बैंक ऑफ इंग्लैंड और स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं। इसके चलते एफपीआई शेयरों से बांड की ओर रुख कर रहे हैं।
दर्जनों सरकारी कंपनियों के IPO ने निवेशकों को पैसा डुबोया है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 12 वर्षों के दौरान बाजार निवेशकों को सरकारी कंपनियों (CPSE) के IPO से 4,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है ।
एनएसई ने कंपनी के शेयरों में तेजी को देखते हुए कोहिनूर फूड्स से स्पष्टीकरण की मांग की। कंपनी ने 19 अप्रैल को स्पष्टीकरण दिया कि शेयरों में तेजी बाजार संचालित है और कंपनी के प्रबंधन का इससे कोई संबंध नहीं है।
भारतीय जीवन बीमा निगम का शेयर अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। एलआईसी की गिरती साख से जहां आम निवेशक परेशान है।
मुंबई में रहना हर किसी के बस की बात नहीं। अब यह बात आम आदमी तो छोड़िए बड़ी-बड़ी कंपनियों के संस्थापक ने भी मानी है। एक समय था जब मुंबई कारोबारियों की पसंदीदा जगह थी और हर कोई अपने बिजनेस के लिए मुंबई आना चाहता था।
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