शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग अपने पास अलग-अलग मशहूर कंपनियों के स्टॉक्स रखते हैं। कुछ कंपनियां इन शेयरों की कीमत को कम कर पहले से मौजूद शेयर धारकों के बीच इसे एक निश्चित अनुपात में आवंटित करते हैं। इसी पूरी प्रक्रिया को स्टॉक स्प्लिट या स्टॉक विभाजन कहा जाता है।
इसके अलावा निदेशक मंडल कंपनी के ऋण अधिकार को 50,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपए करने के लिए भी शेयरधारकों की मंजूरी लेगा।
रिलायंस इंड्स्ट्री का इतना कम भाव होने के बावजूद आज शेयर बाजार में शांति है और बाजार लगभग स्थिरता के साथ ही कारोबार कर रहा है।
लेटेस्ट न्यूज़