शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,594.51 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
वैश्विक बाजार से सकारात्मक रुख और विदेशी पूंजी के निरंतर निवेश से शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी देखी गई।
विदेशी पूंजी के निरंतर निवेश के बीच आईटी एवं रीयल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में तेजी से बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 170 अंक चढ़ गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 35.35 अंक या 0.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,462.20 अंक पर बंद हुआ।
विदेशी निवेशकों की जारी लिवाली तथा घरेलू कारकों से बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स करीब 150 अंक मजबूत हुआ।
वित्तीय, ऊर्जा और दूरसंचार कंपनियों के शेयरों में लिवाली निकलने से मंगलवार को बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स ने 481 अंक की लंबी छलांग लगाई।
बीएसई का सेंसेक्स सुबह बढ़त के साथ 36,141.07 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान 35,926.94 अंक से 36,457.44 अंक के दायरे में रहा।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक शुरुआती कारोबार में तेजी के साथ खुला और प्रतिभागियों की भारी लिवाली से 36,140.67 अंक के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय करीब 500 अंक टूट गया था। हालांकि बाद में सेंसेक्स ने कुछ नुकसान की भरपाई की और अंतत: 239.67 अंक यानी 0.66 प्रतिशत गिरकर 35,973.71 अंक पर बंद हुआ।
तीस शेयरों वाला सूचकांक 341.90 अंक या 0.95 प्रतिशत की बढ़त के साथ 36,213.38 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से सात कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में पिछले सप्ताह कुल मिलाकर 67,980.60 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 26.87 अंक या 0.07 प्रतिशत के नुकसान के साथ 35,871.48 अंक पर आ गया।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स की शुरुआत उतार-चढ़ाव के साथ हुई। अंत में यह 142.09 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की तेजी के साथ 35,898.35 अंक पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि वह इस सप्ताह निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे और उनसे नीतिगत दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कहेंगे।
ब्रोकरों ने कहा विदेशी कोषों की निकासी तथा डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
प्रमुख वैश्विक शेयर बाजारों में नरमी के संकेत और कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती के रुझानों के बीच बृहस्पतिवार को स्थानीय शेयर बाजारों में कारोबार की शुरुआत कमजोर रही।
औद्योगिक उत्पादन तथा मुद्रास्फीति के आंकड़ों, कंपनियों के तिमाही परिणामों तथा वैश्विक संकेतों से इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की चाल तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय व्यक्त की है।
कारोबारियों ने कहा कि धातु तथा वाहन कंपनियों में अचानक बिकवाली होने से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट रही।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की मौद्रिक समीक्षा बैठक मंगलवार को शुरू हुई है।
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