बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.3 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई और स्मॉलकैप इंडेक्स में सपाट गिरावट दर्ज की गई। आज के सत्र में विप्रो, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, एलएंडटी और एचडीएफसी बैंक निफ्टी 50 में सबसे ज्यादा लाभ वाले स्टॉक के तौर पर उभरे।
हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. का बाजार पूंजीकरण 16,047.71 करोड़ रुपये घटकर 6,53,315.60 करोड़ रुपये रहा। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 13,946.62 करोड़ रुपये घटकर 6,00,179.03 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक का एमकैप 11,363.35 करोड़ रुपये घटकर 8,61,696.24 करोड़ रुपये रहा।
विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के दबाव के कारण बीते सप्ताह की शुरुआत गिरावट के साथ हुई, लेकिन बाद के सत्रों में नुकसान को सीमित करने में मदद मिली।
शक्ति पंप्स के स्टॉक का भाव एक साल में 909 रुपये से बढ़कर 4,968 रुपये पहुंच गया है। 12 अक्टूबर 2023 को शक्ति पंप के शेयर का भाव 909.90 रुपये था।
अगर किसी ने 25 साल तक इस स्कीम में सिर्फ 2000 रुपये का मासिक SIP किया होता, तो उसका फंड 1,03,71,769 रुपये हो जाता, जिसमें से 6,00,000 रुपये निवेश की गई राशि होती।
शेयर बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक, गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग आईपीओ जीएमपी या ग्रे मार्केट प्रीमियम शुक्रवार को ₹5 प्रति शेयर है। यानी ग्रे मार्केट में गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग के शेयर अपने इश्यू प्राइस से ₹5 अधिक पर कारोबार कर रहे हैं।
निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक तेजी कोटक बैंक में 3.84 फीसदी, जेएसडबल्यू स्टील में 1.85 फीसदी, एचडीएफसी बैंक में 1.71 फीसदी, बीईएल में 1.59 फीसदी और इंडसइंड बैंक में 1.51 फीसदी देखने को मिली।
निफ्टी पैक के शेयरों में गुरुवार सुबह सबसे अधिक तेजी लार्सन एंड टुब्रो में 1.32 फीसदी, एनटीपीसी में 1.08 फीसदी, हिंडाल्को में 1.07 फीसदी, बीईएल में 1.04 फीसदी और एक्सिस बैंक में 0.97 फीसदी दर्ज हुई।
यह आईपीओ भारतीय उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दो दशक के बाद कोई ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर कंपनी अपना आईपीओ ला रही है। इससे पहले जापान की वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी 2003 में आईपीओ लाई थी।
आप 8 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2024 तक इसका सब्सक्रिप्शन ले सकते हैं। गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग आईपीओ का प्राइस बैंड ₹92-95 प्रति शेयर की लिमिट में तय किया गया है, जिसका कुल प्रस्ताव मूल्य ₹264.10 करोड़ है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 50 सूचकांक पर ट्रेंट, एचडीएफसी बैंक, अपोलो हॉस्पिटल्स और इंडसइंड बैंक शीर्ष लाभार्थी हैं, जबकि शीर्ष पिछड़ने वालों में टाटा स्टील, पावर ग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील, बीपीसीएल और नेस्ले इंडिया शामिल हैं।
शेयर बाजार में निवेश का एक बुनियादी नियम वास्तव में लंबी अवधि के बारे में सोचना है। यह इसे सुरक्षित निवेश नहीं बना सकता है, लेकिन यह ऐसे निवेशों में शामिल जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
दिग्गज मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन ने इंडिया टीवी को बताया कि बाजार में अभी 200 अंकों की और बड़ी गिरावट आ सकती है। उन्होंने बताया कि भारतीय बाजार आज के गिरावट के बाद और कमजोर हो गया है।
घरेलू बाजार में शुक्रवार, 20 सितंबर से शुरू हुए गिरावट का दौर लगातार जारी है। आज हफ्ते के पहले दिन बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। आज सेंसेक्स की 30 में से 23 कंपनियों के शेयर नुकसान में और सिर्फ 7 कंपनियों के शेयर फायदे में रहे।
इस साल अगस्त में, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को 76 रुपये के निर्गम मूल्य पर सूचीबद्ध किया गया था। सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद से, शेयर उन स्तरों से 43 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
एनएसई ने 07 अक्टूबर 2024 को एफएंडओ बैन लिस्ट में जीएनएफसी, बंधन बैंक, बिड़लासॉफ्ट, ग्रेन्यूल्स इंडिया, हिंदुस्तान कॉपर, मणप्पुरम फाइनेंस और आरबीएल बैंक को शामिल किया है।
घरेलू मोर्चे पर सभी की निगाह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर रहेगी। एमपीसी की बैठक सात अक्टूबर को शुरू होगी। तीन दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा बुधवार यानी नौ अक्टूबर को की जाएगी।’
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव का सीधा असर शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। बाजार में 5 दिनों से जारी गिरावट की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को 16.26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
शुक्रवार को सेंसेक्स की 30 में से 22 कंपनियों के शेयर लाल निशान में और बाकी की 8 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए। इसी तरह निफ्टी 50 की भी 50 में से 37 कंपनियों के शेयर लाल निशान में और 13 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए।
स्विगी इस साल के आखिर में अपने आईपीओ की तैयारी कर रही है और कई महीनों से पब्लिक मार्केट में आने की तैयारी कर रही है। वित्त वर्ष 2024 में, स्विगी का राजस्व 36% बढ़ा, जो वित्त वर्ष 23 में 8,265 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 11,247 करोड़ रुपये हो गया।
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