कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद वैश्विक स्तर पर दबाव कम होने से भी भारतीय बाजार में आकर्षण बढ़ा है। वहीं, अमेरिका में मंदी को लेकर जोखिम कम होने से आईटी क्षेत्र को गति मिली है। मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार, अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी से बाजार में तेजी को बल मिल र
इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने बुधवार को लगातार तीसरे सत्र में अपनी तेजी को बढ़ाया। आम चुनाव 2024 के बाद राजनीतिक स्थिरता की उम्मीदों और एक मजबूत विकास दृष्टिकोण पर मार्केट की धारणा में तेजी का रुख देखने को मिला।
शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5 दिसंबर को बढ़कर 346.51 लाख करोड़ रुपये हो गए। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज 3.04 लाख करोड़ रुपये बढ़ा।
शेयर बाजार में आज फार्मा सेक्टर को छोड़कर लगभग सभी सेक्टर में शानदार कारोबार हुआ। निवेशकों ने आज शानदार कमाई की है। तेल गैस स्टॉक्स में भी तेजी का रुख रहा।
एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में तेजी या गिरावट के वक्त एसआईपी को बंद नहीं करें। अपना एसआईपी चालू रखें। एसआईपी आपको लगातार छोटी राशि भी निवेश करने में मदद करता है। नियमित निवेश की यह लंबी अवधि में निवेश की औसत लागत को कम करने में फायदेमंद होता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि बॉन्ड को लेकर नवंबर में ऋण बाजार ने 14,860 करोड़ रुपये आकर्षित किए। यह अक्टूबर, 2017 के बाद से यह सबसे अधिक निवेश था, जब 16,063 करोड़ रुपये आए थे। जेपी मॉर्गन के बाजार सरकारी बॉन्ड सूचकांक में भारतीय प्रतिभूतियों को शामिल करने से घरेलू बॉन्ड बाजारों में विदेशी कोषों की भागीदारी बढ़ी है।
आईटीसी का मूल्यांकन 15,159.02 करोड़ रुपये बढ़कर 5,61,159.09 करोड़ रुपये और बजाज फाइनेंस का पूंजीकरण 14,480.29 करोड़ रुपये बढ़कर 4,48,446.82 करोड़ रुपये हो गया।
पिछले हफ्ते बीएसई के सूचकांक सेंसेक्स में 1,511.15 अंक की उछाल रही जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 473.2 अंक चढ़ा था। शुक्रवार को निफ्टी 134.75 अंक चढ़कर 20,267.90 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ था।
ट्रेडस्विफ्ट ब्रोकिंग फर्म के फाउंडर और दिग्गज मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन ने इंडिया टीवी को बताया कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी की जीत मानकर शेयर बाजार चल रहा था। इसी बदौलत शुक्रवार और उससे पहले की तेजी आई थी लेकिन छत्तीसगढ़ में इस तरह का होगा, यह किसी को अनुमान नहीं था।
घरेलू शेयर बाजार में पॉजिटिव रुझान है। शुक्रवार को ऑटो स्टॉक्स पर खास फोकस है। निफ्टी पर एनटीपीसी, अपोलो हॉस्पिटल्स, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक और एशियन पेंट्स मार्केट खुलने पर सबसे ज्यादा लाभ में दिखे।
गांधार ऑयल रिफाइनरी के 500.69 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 160-169 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था।
ग्लोबल मार्केट में मिले-जुले संकेत हैं। मार्केट में कोई बड़ी गिरावट नहीं है। आज ओपेक प्लस की मीटिंग है जिसके चलते क्रूड में सपोर्ट देखने को मिल सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि सकारात्मक वैश्विक संकेतों और दिग्गज शेयरों में बढ़त के कारण घरेलू शेयरों में लगातार दूसरे दिन तेजी रही। आईटी, बैंकिंग, वित्तीय और ऑटो में देखी गई खरीदारी के साथ अधिकांश सेक्टर हरे रंग में बंद हुए।
आईपीओ को निवेशकों से काफी सपोर्ट मिला और करीब 38.8 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। ₹2,150 करोड़ मूल्य का आईपीओ 21 नवंबर से 23 नवंबर के बीच सदस्यता के लिए खुला था।
ग्लोबल मार्केट में मिले-जुले संकेत देखे जा रहे हैं। एशियाई मार्केट में थोड़ा दबाव का रुझान देखा जा रहा है। हालांकि घरेलू शेयर मार्केट में फिलहाल पॉजिटिव रुख है।
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही आज हरे निशान में खुले। हालांकि बड़ी तेजी मार्केट खुलते नहीं देखने को मिली। बीपीसीएल, अदानी पोर्ट्स, कोल इंडिया और पावर ग्रिड कॉर्प स्टॉक्स में अच्छी बढ़त देखी गई।
देशभर में ज्यादातर हिस्सों में आज छुट्टियां हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने राज्यवार सूची जारी की है कि आज कहां बैंक बंद रहेंगे। नवंबर में छुट्टियों के चलते शेयर बाजार इस साल अब तक 14 दिन बंद रहे हैं।
अमेरिका में मुद्रास्फीति में उम्मीद से बेहतर गिरावट ने बाजार को यह मानने का विश्वास दिला दिया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इसके परिणाम स्वरूप अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से गिरावट आई है और 10-वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड प्रतिफल अक्टूबर मध्य में पांच प्रतिशत से घटकर अब 4.40 प्रतिशत हो गया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के.विजयकुमार ने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं जो भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं। अमेरिका में मुद्रास्फीति में गिरावट ने बाजार को इस बात पर विश्वास दिला दिया है कि फेड ने दरों में बढ़ोतरी का फैसला कर लिया है।
टाटा टेक्नोलॉजीज आईपीओ 19 साल में टीसीएस के बाद पहला आईपीओ है। इस आईपोओ को लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह है। इन आईपीओ के अलॉटमेंट की तारीख भी जल्द आएगी।
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