अमेरिका में मुद्रास्फीति में उम्मीद से बेहतर गिरावट ने बाजार को यह मानने का विश्वास दिला दिया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इसके परिणाम स्वरूप अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से गिरावट आई है और 10-वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड प्रतिफल अक्टूबर मध्य में पांच प्रतिशत से घटकर अब 4.40 प्रतिशत हो गया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के.विजयकुमार ने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं जो भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं। अमेरिका में मुद्रास्फीति में गिरावट ने बाजार को इस बात पर विश्वास दिला दिया है कि फेड ने दरों में बढ़ोतरी का फैसला कर लिया है।
टाटा टेक्नोलॉजीज आईपीओ 19 साल में टीसीएस के बाद पहला आईपीओ है। इस आईपोओ को लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह है। इन आईपीओ के अलॉटमेंट की तारीख भी जल्द आएगी।
ग्लोबल मार्केट में मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं। हालांकि एशियाई मार्केट में पॉजिटिव रुझान है। बीते सत्र में भी घरेलू शेयर मार्केट ने फ्लैट ही शुरुआत की थी।
मार्केट ओपन होते समय निफ्टी पर बजाज ऑटो, आयशर मोटर्स, अदानी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स और एशियन पेंट्स प्रमुख लाभ में रहे। बैंक निफ्टी इंडेक्स 43,452.75 पर खुला।
आईपीओ में निवेश कर पैसे बनाने का शानदार मौका है। कुछ आईपीओ आपको शानदार मुनाफा दिला सकते हैं। कुछ लंबे समय में बेहतरीन रिटर्न दिला सकते हैं।
ग्लोबल संकेतों की वजह से मार्केट ने धीमी शुरुआत की है। आज मार्केट में चार आईपीओ भी आ रहे हैं। मार्केट खुलते समय निफ्टी पर बीपीसीएल, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा मोटर्स के शेयरों में तेजी देखी गई।
टाटा टेक्नोलॉजीज का शेयर आगामी 5 दिसंबर 2023 को शेयर बाजार में लिस्ट होगा। टाटा टेक का आईपीओ साइज करीब 3042 करोड़ रुपये है। टाटा समूह का इससे पहले टीसीएस का आईपीओ बाजार में आया था।
मार्केट खुलते समय निफ्टी पर हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, अदानी एंटरप्राइजेज, जेएसडब्ल्यू स्टील और एचडीएफसी बैंक प्रमुख लाभ में कारोबार करते दिखे।
कंपनी का पब्लिक इश्यू BSE और NSE पर लिस्टिंग के लिए प्रस्तावित है। सार्वजनिक निर्गम 28 नवंबर 2023 को सूचीबद्ध हो सकता है।
एक आम निवेशक टाटा टेक्नोलॉजीज आईपीओ के लिए कम से कम 30 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं।
प्री-ओपनिंग में हालांकि सेंसेक्स ने मजबूती दिखाई थी, जबकि निफ्टी ने कमजोर संकेत दे दिया था। एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में गिरावट का रुझान देखा गया।
आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये मूल्य की भारतीय इक्विटी की बिकवाली की थी। इसके पहले एफपीआई मार्च से अगस्त तक लगातार छह महीनों तक खरीदार बने हुए थे। उस अवधि में विदेशी निवेशकों ने 1.74 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का तमगा बरकरार रखा है। उसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।
रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को 5-10 फीसदी की तेजी रही। रेल स्टॉक्स लगातार अच्छा परफॉर्मेंस कर रहे हैं। भारत सरकार ने बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देने की घोषणा की है, जिसमें रेल इन्फ्रा भी शामिल है।
आपको बता दें कि शुक्रवार को एशियाई बाजारों में कमजोर संकेतों के बीच घरेलू बाजारों में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट आई। बाद में कारोबार उतार-चढ़ाव के बीच जारी रहा। कारोबार के दौरान एक समय बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स 342.74 अंक गिरकर 65,639.74 पर आ गया। निफ्टी 97.75 अंक फिसलकर 19,667.45 पर रहा।
इजरायल हमास के बीच चल रहे संघर्ष के जल्द समाप्त होने का कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और यदि कमोडिटी की कीमतें बढ़ती रहती हैं, तो सोने की भी कीमतें बढ़ जाएंगी। इसलिए निवेशकों को शॉर्ट टर्म स्टेबिलिटी के साथ-साथ लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न के लिए अच्छे एसेट फंड में निवेश करना चाहिए।
निफ्टी पर बीपीसीएल, एशियन पेंट्स, एमएंडएम, आयशर मोटर्स और जेएसडब्ल्यू स्टील प्रमुख लाभ वाले स्टॉक्स के तौर पर कारोबार करते देखे जा रहे हैं।
शेयर बाजार आज लगातार दूसरे दिन तेजी के साथ बंद हुआ। पिछले दो सत्रों में निवेशकों ने करीब 5 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। आईटी स्टॉक्स में अच्छी बढ़त देखी गई।
मार्केट खुलने के बाद निफ्टी पर ओएनजीसी, बीपीसीएल, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, कोल इंडिया और टीसीएस सबसे ज्यादा लाभ में रहे।
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