मंगलवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय शेयर बाजार सपाट ट्रेड करता दिखा। निफ्टी-50 पैक के शेयरों में सबसे अधिक तेजी टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट और बजाज फिनसर्व के शेयर में देखने को मिली।
कैपिटलमार्केट के आंकड़ों के अनुसार, निफ्टी 50 8 दिसंबर, 2023 को 21,000 के लेवर पर पहुंचा था। आज यानी 15 जनवरी को 22,000 के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया है। इस तरह केवल 26 कारोबारी सत्रों में निफ्टी में 1,000 अंकों की उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की। यह वर्ष 2019 के बाद से निफ्टी 50 इंडेक्स का सबसे तेज उछाल है।
आम चुनाव वाले साल 2009 में सेंसेक्स ने 6 महीने में करीब 60 फीसदी रिटर्न दिया था। साल 2014 और 2019 में भी बाजार ने अच्छी तेजी देखी गई। इस साल भारत में आम चुनावों के साथ ही अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं।
आईटी शेयरों में भारी तेजी के चलते भारतीय शेयर बाजार शुरुआती कारोबार में अच्छी-खासी बढ़त लेकर ट्रेड कर रहा है। सोमवार सुबह निफ्टी आईटी में 3.33 फीसदी की तेजी देखने को मिली। विप्रो 10 फीसदी से अधिक उछल गया है।
बीते हफ्ते रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाजार पूंजीकरण में सबसे अधिक इजाफा हुआ है। वहीं,एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, एलआईसी और आईटीसी के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 542.3 अंक या 0.75 प्रतिशत के लाभ में रहा।
Share market this week : इस हफ्ते एचडीएफसी बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर सहित कई कंपनियां तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करेंगी। साथ ही सोमवार को थोक महंगाई के आंकड़े जारी होंगे। ये बाजार की दिशा तय करेंगे।
अयोध्या और उसके आस-पास जिन कंपनियों के ट्रैवल, हॉस्ंपिटैलिटी और लॉजिस्टिक्स बिजनेसेज हैं, उनके शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। पिछले हफ्ते अपोलो सिंदूरी होटल्स के शेयर में 2 बार 20% का अपर सर्किट लगा था। यह कंपनी अयोध्या में 3,000 वर्ग मीटर से ज्यादा में एक मल्टीलेवल पार्किंग सुविधा का निर्माण कर रही है।
भारत में एफपीआई प्रवाह में 2023 में बदलाव देखा गया और 28.7 अरब डॉलर का निवेश दर्ज किया गया। इससे पहले 2022 में एफपीआई ने घरेलू बाजार से 17.9 अरब डॉलर निकाले थे। 2023 में निवेश 2017 के बाद सबसे अधिक रहा, जब एफपीआई ने घरेलू बाजार में 30.8 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था।
मेडी असिस्ट हेल्थकेयर सर्विसेज का आईपीओ 15 जनवरी को खुलेगा और 17 जनवरी को बंद होगा। आईपीओ का प्राइस बैंड ₹397 से ₹418 प्रति शेयर तय किया गया है। ग्रे मार्केट में कंपनी का शेयर 50 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड करता दिखाई दिया।
एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड ने अपने निवेशकों को धमाकेदार रिटर्न दिया है। 29 साल में इस फंड ने 10,000 रुपये महीने की एसआईपी से 16.5 करोड़ रुपये का फंड तैयार कर दिया है। यह स्कीम 1 जनवरी, 1995 को लॉन्च हुई थी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क निफ्टी भी 83.7 अंक की बढ़त के साथ 21730.90 के लेवल पर खुला। निफ्टी बैंक में भी बढ़त देखी गई।
Stock Market Close: भारतीय शेयर बाजार मामूली तेजी के साथ बंद हुआ है। ऑटो, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, एनर्जी, इन्फ्रा और कमोडिटी शेयर बढ़त के साथ बंद हुए हैं।
बाजार खुलते ही निफ्टी पर हीरो मोटोकॉर्प, आयशर मोटर्स, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व और एमएंडएम प्रमुख लाभ वाले स्टॉक के तौर पर देखे गए।
15 जनवरी को मेडी असिस्ट हेल्थकेयर का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहा है। इस आईपीओ में प्राइस बैंड ₹397 से ₹418 प्रति शेयर तय किया गया है। ग्रे मार्केट में यह शेयर 86 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड करता दिखा है।
बुधवार को शुरुआती कारोबार में मीडिया, आईटी, फार्मा, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर्स में तेजी देखने को मिली है। वहीं, ऑयल एंड गैस, रियल्टी, प्राइवेट बैंक,पीएसयू और मेटल सेक्टर में गिरावट देखने को मिली।
न्यू जेनरेशन की टेक्नोलॉजी कंपनियों की लीडरशिप में, प्राथमिक बाजार में इस साल तेज गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। घरेलू बाजार में अगले दो सालों में 20 यूनिकॉर्न आने की संभावना है, जिससे लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व हासिल होगा।
प्री-ओपनिंग सेशन में ही दोनों इंडेक्स ने तेजी के साथ आगाज किया। आज के सत्र में ज़ी, आयशर मोटर और बीईएमएल स्टॉक फोकस में रहने वाले हैं।
Stock Market Close: भारतीय स्टॉक मार्केट में आज के कारोबारी सत्र में बड़ी गिरावट देखी गई। निफ्टी 19500 के करीब बंद हुआ है।
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है। सबसे अधिक गिरावट यूपीएल में 2.83 फीसदी देखी गई। इसके अलावा टाटा कंज्यूमर में 2.27 फीसदी, एचयूएल में 1.53 फीसदी, ब्रिटानिया में 1.16 फीसदी और अपोलो हॉस्पिटल्स में 1.15 फीसदी की गिरावट देखी गई।
मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार दोबारा सत्ता में आएगी और वृद्धि तथा विकास पर खर्च पहले की तरह जारी रहेगा और देश को तेजी से और अधिक कुशलता से प्रगति करने के अवसर प्रदान करेगा। बुनियादी ढांचे पर खर्च से होने वाली वृद्धि लोगों को बेहतर जीवनशैली प्रदान करने में मदद करती है।
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