बीएसई सेंसेक्स अंक 467.91 उछलकर 72,113.20 अंक पर खुला है। वहीं, एनएसई 153.95 अंक की मजबूती के साथ 21,851.40 अंक पर पहुंच गया है।
अमेरिका में बढ़ती बांड पैदावार चिंता का विषय है और इससे नकदी बाजार में बिकवाली का हालिया दौर शुरू हो गया है। वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी फेड की धुरी से शुरू हुई, जिसमें 10 साल की बॉन्ड यील्ड 5 प्रतिशत से गिरकर लगभग 3.8 प्रतिशत हो गई।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कमजोर वैश्विक संकेतों और मिड-कैप और स्मॉल-कैप में हाई वैलुएशन के बीच बाजार में कमजोर प्रदर्शन दिखाई दे रहा है, जिससे निवेशकों का विश्वास कम हो रहा है।
आईटी शेयरों में भारी तेजी के चलते भारतीय शेयर बाजार शुरुआती कारोबार में अच्छी-खासी बढ़त लेकर ट्रेड कर रहा है। सोमवार सुबह निफ्टी आईटी में 3.33 फीसदी की तेजी देखने को मिली। विप्रो 10 फीसदी से अधिक उछल गया है।
बीते हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 214.11 अंक या 0.29 प्रतिशत के नुकसान में रहा था। सबसे अधिक नुकसान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचडीएफसी बैंक को हुआ।
lic portfolio return : साल 2023 में एलआईसी को भारतीय शेयर बााजार से 2.28 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। देश की इस सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने भारत में लिस्टेड करीब 260 कंपनियों में निवेश किया हुआ है। साल 2023 में अब तक निफ्टी 50 ने 18 फीसदी रिटर्न दिया है।
विभिन्न वैश्विक फर्मों द्वारा भारत की रेटिंग के साथ-साथ जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान में सुधार हुआ है, जिसके चलते बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट-कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर को पार कर गया है। मार्केट कैप के हिसाब से हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज को पछाड़कर एनएसई दुनिया का 7वां सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया है।
शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 180.55 अंक चढ़कर 71,045.65 अंक पर खुला है। वहीं, एनएसई निफ्टी 30.70 अंक की मजबूती के साथ 21,285.75अंक पर पहुंच गया है। बाजार में तेजी लौटने से सेंसेक्स एक बार फिर 71 हजार के पार निकल गया है।
नए साल की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति घटकर 2.5 प्रतिशत से नीचे आ सकती है। इससे रिजर्व बैंक अपना रुख बदलेगा और दरों में आधा प्रतिशत की कटौती करेगा।
यस बैंक के शेयर में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में यह शेयर 23 रुपये के 52 वीक हाई लेवल पर पहुंच गया। इस शेयर ने 21 रुपये के लेवल पर फ्रेश ब्रेकआउट दिया है। शॉर्ट टर्म में इस शेयर में तेजी के संकेत हैं।
इस साल कुल 105 आईपीओ बाजार में आए। इनमें से 83 आईपीओ लिस्टिंग के दिन निवेशकों को मुनाफा देकर गए। वहीं, 22 आईपीओ ने लिस्टिंग के दिन निवेशकों को निराश किया। कुछ शेयर ऐसे भी रहे, जिनकी लिस्टिंग अच्छी नहीं रही, लेकिन बाद में अच्छा मुनाफा दिया।
आज भी आईटी शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। इन्फोसिस, टेकमहिंद्रा, विप्रो, टीसीएस जैसे हेवीवैट शेयर मजबूती के साथ कारोबार कर रहे हैं। शेयर बाजार में बंपर तेजी की बदौलत निवेशकों की खूब कमाई हो रही है।
शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 303.91 अंक यानी 0.44 प्रतिशत बढ़कर 69,825.60 के अपने नए शिखर पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सूचकांक निफ्टी ने 21,000 का अहम मुकाम पार किया और शुक्रवार को कारोबार के दौरान 21,006.10 के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया।
इसके पहले अक्टूबर में एफपीआई ने 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त और सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 39,300 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
आपको बता दें कि बुधवार को निफ्टी लगातार सातवें सत्र में रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ था। एक्सपर्ट का कहना है कि राजनीतिक अनिश्चितता के कारण शुरुआत में सतर्क रहे एफपीआई पैसा लगा रहे हैं। हालांकि, छोटे निवेशकों को सर्तक रहने की जरूरत है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद वैश्विक स्तर पर दबाव कम होने से भी भारतीय बाजार में आकर्षण बढ़ा है। वहीं, अमेरिका में मंदी को लेकर जोखिम कम होने से आईटी क्षेत्र को गति मिली है। मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार, अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी से बाजार में तेजी को बल मिल र
एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में तेजी या गिरावट के वक्त एसआईपी को बंद नहीं करें। अपना एसआईपी चालू रखें। एसआईपी आपको लगातार छोटी राशि भी निवेश करने में मदद करता है। नियमित निवेश की यह लंबी अवधि में निवेश की औसत लागत को कम करने में फायदेमंद होता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि बॉन्ड को लेकर नवंबर में ऋण बाजार ने 14,860 करोड़ रुपये आकर्षित किए। यह अक्टूबर, 2017 के बाद से यह सबसे अधिक निवेश था, जब 16,063 करोड़ रुपये आए थे। जेपी मॉर्गन के बाजार सरकारी बॉन्ड सूचकांक में भारतीय प्रतिभूतियों को शामिल करने से घरेलू बॉन्ड बाजारों में विदेशी कोषों की भागीदारी बढ़ी है।
पिछले हफ्ते बीएसई के सूचकांक सेंसेक्स में 1,511.15 अंक की उछाल रही जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 473.2 अंक चढ़ा था। शुक्रवार को निफ्टी 134.75 अंक चढ़कर 20,267.90 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ था।
अमेरिका में मुद्रास्फीति में उम्मीद से बेहतर गिरावट ने बाजार को यह मानने का विश्वास दिला दिया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इसके परिणाम स्वरूप अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से गिरावट आई है और 10-वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड प्रतिफल अक्टूबर मध्य में पांच प्रतिशत से घटकर अब 4.40 प्रतिशत हो गया।
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