ग्राहक सेवा महत्वपूर्ण है। ग्राहकों के लिये बैंक से जुड़ी शिकायतों के निपटान के लिये सीएमएस पोर्टल समेत कई कदम उठाये गये हैं। कुछ खामियां हैं जिनमें सुधार के लिए बैंक प्रबंधन को ध्यान देना होगा।
मूल्य के हिसाब से मार्च 2023 में कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट 2,000 रुपये के थे।
MPC Meeting Details: सरकार ने RBI को खुदरा महंगाई को दो प्रतिशत घटबढ़ के साथ चार प्रतिशत तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। केंदीय बैंक उस जिम्मेदारी को निभा रहा है।
RBI Governor instruction 2,000 Rupee Notes: अगर आपके पास 2,000 रुपये का नोट अभी भी बचा हुआ है तो ये खबर आपके लिए है। आरबीआई गवर्नर ने इसको लेकर बड़ी जानकारी दी है।
देश में घटती महंगाई और सुधरते आर्थिक माहौल के बीच रिजर्व बैंक (RBI) इस साल के अंत तक ब्याज की दरों में बदलाव कर सकता है। इससे होम (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) लेने वालों को राहत मिल सकती है।
RBI Governor Shaktikanta Das: देश में महंगाई पर लगाम लगाने के लिए RBI लगातार काम कर रहा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आने वाले समय में ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने को लेकर बड़ी जानकारी दी है।
2000 रुपये के नोट बैंक में जमा करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर तय की गई है। इस पर जवाब देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि उन्होंने उम्मीद है कि इस तरीख तक सारे नोट बैंक के पास आ जाएंगे।
गवर्नर ने इसके साथ ही बैंकों को सतर्क रहने के लिए आगाह करते हुए कहा कि दुनियाभर में परंपरा से हटकर नीतियां अपनाई जा रही हैं। ऐसे में वित्तीय क्षेत्र में किसी तरह का ‘आश्चर्य’ कहीं से भी देखने को मिल सकता है।
सरकार ने आरबीआई को यह जिम्मेदारी दी है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रहे।
दास ने कहा कि जहां तक आरबीआई की बात है तो बीते कुछ वर्षों में केंद्रीय बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों समेत पूरी बैंकिंग प्रणाली पर निगरानी और नियमन को बेहतर और सख्त किया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के कच्चे तेल के उत्पादन को घटाने के फैसले से मुद्रास्फीति का परिदृश्य गतिशील बना हुआ है।
विनिमय दरों में जारी अस्थिरता के कारण बाहरी ऋण चुकाने की क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में दास ने कहा, ‘‘हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारा बाहरी ऋण प्रबंधन योग्य है।
देश की मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई, जो आरबीआई के सहनशील स्तर छह प्रतिशत से अधिक है।
सतत वृद्धि के व्यापक उद्देश्य को देखते हुए हमारा मानना है कि मौजूदा चक्र में यह ब्याज दरों में आखिरी वृद्धि है।
आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी के भारत में बैन करने को लेकर बड़ा बयान दिया है। इससे पहले भी एक बार इस तरह की जानकारी सामने आई थी। आइए यहां पूरी रिपोर्ट पढ़ते हैं।
आज के समय में दुनिया के कई देश मंदी की समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं भारत एक मजबूत स्थिति में खड़ा है। आरबीआई के गवर्नवर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 में सात प्रतिशत की ग्रोथ रेट बरकरार रहने की बात कही है।
भारतीय रिजर्व बैंक इस समय चौतरफा मुश्किलों से घिरा है। एक ओर रुपया गिर रहा है वहीं महंगाई बढ़ रही है। आरबीआई हर मोर्चे पर फेल होता दिख रहा है। लेकिन शक्तिकांत दास ने इसका बचाव किया है।
रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी होने से रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। इस प्रकार बैंक भी इस बढ़ी लागत को ग्राहकों से वसूलेंगे जिससे कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने हाल ही में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की बुनियाद मजबूत बनी हुई है।
ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है।
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