भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने आगाह करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक करीबी नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।
आईसीआरए लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आउटरीच प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि एमपीसी समीक्षा ने रुख में बदलाव करके लचीलेपन को प्राथमिकता दी है। इससे दिसंबर 2024 में संभावित दर कटौती का रास्ता खुल गया है।
दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के कारण आए गंभीर संकट से उबर गई और इसकी 2021-24 के दौरान औसत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत से अधिक रही।
दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई@100 की ओर बढ़ने की यात्रा को लेकर काफी आशावादी है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम लगातार ऐसी नीतियां, दृष्टिकोण, प्रणालियां और मंच तैयार करने पर काम कर रहे हैं जो हमारे वित्तीय क्षेत्र को अधिक मजबूत, गतिशील और ग्राहक केंद्रित बनाएंगे।’’
केंद्रीय बैंकरों ने पिछले कुछ सालों में मुद्रास्फीति के खिलाफ़ युद्ध छेड़ा है, जिसमें उन्होंने उच्च ब्याज दरों को अपना मुख्य हथियार इस्तेमाल किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दरें नियंत्रणमुक्त हैं और अकसर बैंक फंड्स आकर्षित करने के लिए डिपॉजिट रेट्स में बढ़ोतरी करते हैं। शक्तिकांत दास ने कहा, ''बैंक ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।''
आरबीआई एक जल्द चेक क्लियरेंस के लिए एक नया सिस्टम बना रहा है। इस नए सिस्टम के तहत आपका चेक कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएगा।
आरबीआई ने यूपीआई ट्रांजैक्शन की लिमिट में 5 गुना बढ़ोतरी करते हुए इसे 5 लाख रुपये तक बढ़ा दिया है। फिलहाल ये लिमिट सिर्फ 1 लाख रुपये है।
RBI MPC की मीटिंग में रेपो रेट को लगातार 9वीं बार स्थिर रखने का फैसला किया गया है। बताते चलें कि पिछले 18 महीनों से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
भारत में महंगाई दर अभी भी उच्चस्तर पर है। जून में खुदरा महंगाई दर चार महीनों के उच्च स्तर 5.08 प्रतिशत पर थी। जब तक खुदरा महंगाई दर नीचे नहीं आती है तब तक रेपो रेट में कटौती की कोई संभावना नहीं है।
विशेषज्ञों ने कहा कि महंगाई का दबाव बने रहने के बीच आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में दर में कटौती से परहेज कर सकती है, क्योंकि भले ही ब्याज दर 6.5 प्रतिशत (रेपो दर) तक बढ़ा दी गई हो, आर्थिक वृद्धि अच्छी है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा क्योंकि महंगाई दर अभी भी उच्चस्तर पर बनी हुई है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियां ऋण सेवा प्रदाताओं के रूप में बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ सहयोग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल लहर दुनिया को अभूतपूर्व और परिवर्तनकारी बना रही है।
क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में वृद्धि आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30 प्रतिशत से घटकर अब 23 प्रतिशत हो गई है, जबकि एनबीएफसी को बैंक ऋण देने की वृद्धि पहले के 29 प्रतिशत से घटकर अब 18 प्रतिशत हो गई है।
22 मार्च को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का मूल्य 51.48 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था। यह मार्च, 2023 के आखिर के मूल्य से 6.28 अरब अमेरिकी डॉलर ज्यादा है।
RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई के अनुमान 4.5 प्रतिशत पर रखा है। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। यानी इस वित्त वर्ष में महंगाई में कमी आएगी। यह महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है।
RBI MPC Repo Rate: आरबीआई की ओर से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। यह सातवीं बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
RBI MPC Today: ब्याज दरों की समीक्षा के लिए मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 3 अप्रैल से शुरू हो रही है। इसके फैसलों का ऐलान 5 अप्रैल को होगा।
RBI Monetary Policy: आरबीआई की ओर से अप्रैल में नई मौद्रिक नीति पेश की जाएगी। इसके लिए मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक 3 से 5 अप्रैल के बीच होगी।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोई व्यक्ति फेरारी का मालिक हो सकता है और उसे चला सकता है, लेकिन फिर भी उसे दुर्घटनाओं से बचने के लिए यातायात नियमों का पालन करना होगा।
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