RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई के अनुमान 4.5 प्रतिशत पर रखा है। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। यानी इस वित्त वर्ष में महंगाई में कमी आएगी। यह महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है।
RBI MPC Repo Rate: आरबीआई की ओर से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। यह सातवीं बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
RBI MPC Today: ब्याज दरों की समीक्षा के लिए मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 3 अप्रैल से शुरू हो रही है। इसके फैसलों का ऐलान 5 अप्रैल को होगा।
RBI Monetary Policy: आरबीआई की ओर से अप्रैल में नई मौद्रिक नीति पेश की जाएगी। इसके लिए मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक 3 से 5 अप्रैल के बीच होगी।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोई व्यक्ति फेरारी का मालिक हो सकता है और उसे चला सकता है, लेकिन फिर भी उसे दुर्घटनाओं से बचने के लिए यातायात नियमों का पालन करना होगा।
पेमेंट एग्रीगेटर एक थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर है जो ग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करने और व्यवसायों को भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाता है।
बाजार नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद को लेकर आगे है, लेकिन इस समय जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा। लंबे समय तक हाई ग्रोथ को बनाए रखने के लिए मूल्य और वित्तीय स्थिरता जरूरी है।
दास ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए ‘शायद ही कोई गुंजाइश’ है। उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई व्यापक मूल्यांकन के बाद ही विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करता है।
RBI MPC में निर्णय लिया गया है कि अब बैंकों को लोन लेने वाले रिटेल और एमएसएमई ग्राहकों को की फैक्ट शीट देनी होगी। इससे बैंकिंग सिस्टम में ज्यादा पारदर्शिता आएगी।
RBI MPC Highlights: आरबीआई की ओर से नई मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट को जस के तस रखा गया है।
आपको बता दें कि अमेरिकी नियामकों द्वारा बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) को अनुमति दी गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दास ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के प्रति बैंक और उनका अपना विरोध नहीं बदलेगा।
दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। इनके बीच भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत वित्तीय प्रणाली के साथ वृहद आर्थिक मोर्चे पर मजबूती दिखा रही है। मजबूत वित्तीय प्रणाली वृद्धि को बढ़ावा दे रही है।
महंगाई का दबाव कम हुआ है, लेकिन खाद्य कीमत चिंता का कारण बनी हुई है। कृषि उत्पादन में गिरावट से मुद्रास्फीति के आंकड़ों में अतिरिक्त वृद्धि का जोखिम पैदा हो सकता है। मुद्रास्फीति पर सतर्क रहते हुए आरबीआई द्वारा आर्थिक वृद्धि को समर्थन जारी रखने की संभावना है।
इस साल नवंबर के लिए आरबीआई के 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' मासिक बुलेटिन का हवाला देते हुए श्रीराम फाइनेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष उमेश रेवनकर ने कहा कि इससे कम दर व्यवस्था की वापसी की उम्मीद जगी है।
NBFC-MFI कंपनियों की ओर से लोन वालों से अधिक ब्याज वसूलने पर आरबीआई गवर्नर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को लचीले सिस्टम का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि बैंक सतर्क रुख अपनाते रहें। रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड और एनबीएफसी को उधार देने पर जोखिम भार 25 प्रतिशत अंक बढ़ा दिया है।
आरबीआई गवर्नर (Shaktikanta Das) ने कहा कि हम कीमतों को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि सकल मुद्रास्फीति खाद्य कीमतों के झटकों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है।
होम और कार लोन की बढ़ी ईएमआई से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। आरबीआई गवर्नर ने इसकी जानकारी दी है। ऐसे में जो लोग बढ़ी ईएमआई से परेशान हैं, उनको और इंतजार करना पड़ सकता है।
यह कैसे काम करता है? एक बार जब उधारकर्ता वर्ष के अंत में कुल मूलधन और ब्याज राशि का भुगतान कर देता है, तो ऋण की सीमा समाप्त हो जाती है। सीधे शब्दों में कहें तो कर्ज लेने वाला कर्ज चुका सकता है और अगले दिन फिर से कर्ज ले सकता है।
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले साल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद बदली हुई परिस्थितियों में रेपो दर में बढ़ोतरी का सिलसिला मई, 2022 में शुरू किया था। नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का यह सिलसिला फरवरी, 2023 तक जारी रहा। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई।
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