एक जून से कृषि कल्याण उपकर (केकेसी) लागू हो गया है। केकेसी के लागू होने से कुल सर्विस टैक्स बढ़कर 15 फीसदी हो गया है, जो कि अभी तक 14.5 फीसदी था।
अगले महीने से सभी प्रकार की सेवाएं महंगी हो जाएंगी। एक जून से सभी टैक्स योग्य सेवाओं पर आधा फीसदी की दर से नया कृषि कल्याण उपकर (केकेसी) प्रभावी हो जाएगा।
1 जून से सभी सर्विस के इस्तेमाल के एवज में आपको अतिरिक्त सर्विस टैक्स का भुगतान करने जा रहा है। बैंक भी सर्विस चार्ज में बढ़ोत्तरी का एलान कर चुके हैं।
सभी स्पेक्ट्रम आवंटन तथा लाइसेंसी के बीच लेनदेन पर 15 फीसदी का सेवा कर लगाने के प्रस्ताव से वित्तीय दूरसंचार उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा।
इंडस्ट्री बॉडी और कंसल्टिंग कम्पनीज ने सरकारी सेवाओं पर नए सर्विस टैक्स पर आपत्ति जताई और कहा कि इस पहल से काफी विवाद पैदा हो सकता है।
सीओएआई ने कहा, वित्त विधेयक 2016 में स्पेक्ट्रम आवंटन को सर्विस टैक्स के दायरे में लाने से टेलीफोन सेवाएं महंगी होंगी हो जाएंगी।
सरकार वस्तु एवं सेवाकर (GST) लागू होने के एक साल के भीतर कृषि कल्याण और ढांचागत उपकर जैसे सभी अतिरिक्त करों को इसमें समाहित कर लेगी।
सर्विस टैक्स के बाद अब एटीएफ की कीमतों में बढ़ोतरी से हवाई सफर करना महंगा हो सकता है। तेल कंपनियों ने एटीएफ की कीमत में 12 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
वित्त मंत्री ने सभी टैक्सेबल सर्विसेस पर 0.5 फीसदी कृषि कल्याण सेस लगाया गया है, जिससे सर्विस टैक्स बढ़ने से सभी कुछ महंगा हो जाएगा।
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