आंकड़ों से यह भी पता चला कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए दाम जुलाई की तुलना में कम बढ़े। सर्विस सेक्टर में यह ग्रोथ मुख्य रूप से नए ठेकों खासकर घरेलू ठेकों में बढ़ोतरी से प्रेरित रही।
जून में भारतीय सेवा प्रदाताओं को मिलने वाले नए ठेके में वृद्धि जारी रही, जिससे विस्तार का मौजूदा क्रम करीब तीन सालों तक बढ़ गया। एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जून में तेज हुईं।
मई में भारत की सर्विस एक्टिविटीज थोड़ी धीमी गति से बढ़ी। घरेलू नए ठेकों में थोड़ी कमी आई, लेकिन वे मजबूत बने रहे। यह मजबूत मांग को दर्शाता है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा कि भारत की सेवा पीएमआई जनवरी में छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। नए व्यवसाय का विस्तार तेज गति से हुआ और भविष्य की गतिविधि के लिए प्रबंधकों की उम्मीदें मजबूत बनी हैं।
मांग में उछाल से बिक्री में तेजी आई जिससे व्यावसायिक गतिविधि में तेजी आई। रोजगार जेनरेशन लगातार 19वें महीने बढ़ा। एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स 57.4 से बढ़कर 58.5 हो गया।
सर्वे में शामिल 29 प्रतिशत भागीदारों ने कहा कि उन्हें इस दौरान अधिक नया कारोबार हासिल हुआ है।
आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विस पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) फरवरी के बाद पहली बार 50 अंक से अधिक है।
देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च में गिरावट देखी गयी। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस संकट के चलते मांग में आयी कमी की वजह से सेवा क्षेत्र में यह संकुचन देखा गया।
देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में साल के पहले महीने यानी जनवरी में तेजी बनी रही। एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नये कारोबारी ऑर्डरों में वृद्धि के चलते सेवा क्षेत्र की गतिविधियां तीन महीने में सबसे तेज रही।
नए ऑर्डर मिलने से जून माह के दौरान सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में जोरदार उछाल आया है और इस क्षेत्र का PMI आंकड़ा 53.1 अंक पर पहुंच गया।
लेटेस्ट न्यूज़