अदार पूनावाला ने इस निवेश पर कहा, ''हमें उम्मीद है कि हम धर्मा का निर्माण तथा विकास करेंगे और आने वाले सालों में इसे और भी ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।''
सीरम इंस्टीट्यूट (SII) के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। आदार पूनावाला का सीरम इंस्टीट्यूट शेयर बाजार में गैर लिस्टेड सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है।
सीडीएससीओ ने SII के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’ और बायोलॉजिकल ई कम्पनी के टीके ‘कोर्बेवैक्स’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।
बयान के अनुसार समझौते के तहत अदार पूनावाला बायोकॉन बायोलॉजिक्स लि.(बीबीएल) के बोर्ड में शामिल होंगे। इस रणनीतिक गठबंधन के तहत टीके के अलावा डेंगू और एचआईवी जैसे अन्य संक्रमण वाले रोगों के निदान के लिये भी प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के उपाये किये जायेंगे।
सेंट्रल ड्रग अथॉरिटी के एक एक्सपर्ट पैनल ने 2 से 17 साल तक के बच्चों पर कोवोवैक्स के 2/3 चरण के ट्रायल को शुरू करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को मंजूरी देने की सिफारिश की थी।
अलग अलग कंपनियों के साथ करार के तहत देश में 30 करोड़ से ज्यादा स्पूतनिक वैक्सीन के उत्पादन का लक्ष्य है। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट में वैक्सीन का पहला बैच सितंबर में तैयार होगा।
प्रमुख घरेलू टीका विनिर्माता कंपनी, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा कि उसे भी कोविड टीका दायित्व के तहत क्षतिपूर्ति सुरक्षा मिलनी चाहिये।
भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट देश में दो प्रमुख वैक्सीन निर्माता कंपनी हैं। दोनों ने अबतक कई राज्यों को वैक्सीन की आपूर्ति की है और यह लगातार जारी है।
फार्मा सेक्टर की एक अन्य भारतीय कंपनी ग्लोबल जीन कॉर्प द्वारा अगले पांच वर्षों के दौरान 5.9 करोड़ पाउंड का निवेश किया जाएगा।
भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए ब्रिटेन में पहले चरण का परीक्षण भी शुरू कर दिया है।
भारत सरकार के अधिकारियों के मुताबिक पूनावाला को वाई श्रेणी की सुरक्षा इसलिए प्रदान की गई है क्योंकि उन्हें धमकियां मिल रही हैं।
भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस पर अंकुश लगाने के लिए सस्ता इलाज का विकल्प समय की जरूरत है।
अदार पूनावाला ने एक ट्वीट संदेश में दाम घटाने की जानकारी दी है।
कोविड-19, चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो।
पूनावाला ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता और कोविशील्ड जैसी प्रभावी कोविड वैक्सीन पेश करने वाला सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अगले कुछ महीनों में एक और कोरोना वैक्सीन पेश करने की तैयारी कर रही है।
बुधवार को हुई इस घोषणा के बाद गुरुवार को मैग्मा फिनकॉर्प के शेयरों में शुरुआती कारोबार के दौरान 10 प्रतिशत का उछाल आया।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि बाजार में इस टीके की कीमत 1000 रुपये प्रति शॉट होगी और एक व्यक्ति को कम से कम दो शॉट लेना जरूरी होगा।
प्राइवेट बाजार में वैक्सीन की कीमत 1000 रुपये प्रति डोज होगी,जबकि सरकार को यह वैक्सीन 200 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा।
तीन भारतीय कंपनियां जायडस, भारत बायोटेक और जेनोवा घरेलू स्तर पर कोविड-19 वैक्सीन का विकास कर रही हैं जबकि अन्य कंपनियों मसलन सीरम इंस्टिट्यूट ने एस्ट्राजेनेका, डॉ रेड्डीज ने स्पुतनिक और बायोलॉजिकल ई ने जॉनसन एंड जॉनसन से गठजोड़ किया है।
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