विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का बिकवाली का रुख फिर से नजर आने लगा है।
वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस के मूल्यांकन में बढ़ोतरी हुई।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस साल अबतक भारतीय बाजारों से 1,14,855.97 करोड़ रुपये की निकासी की है।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 89.14 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,595.68 पर बंद हुआ।
11 बजे तक फिर सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान में कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स 74 अंक की तेजी के साथ 57,759 अंक पर और निफ्टी 23 अंक की तेजी के साथ 17,269 अंक पर है।
कारोबार के दौरान, यह एक समय 420.71 अंक टूटकर 57,568.59 अंक तक नीचे आ गया था।
बीएसई सेंसेक्स 696.81 अंक यानी 1.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,989.30 पर बंद हुआ।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 2.14 फीसदी बढ़कर 119 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है।
वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रूख और मारुति, इंफोसिस और टीसीएस जैसे बड़े शेयरों के लाभ में जाने से सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 264 अंक चढ़ गया।
एयरटेल की बाजार हैसियत 15,377.68 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 3,96,963.73 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से 28 में तेजी रही। वहीं, एचसीएल टेक और इंफोसिस लाल निशान में बंद हुए।
30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,004 बढ़कर 57,820 पर और निफ्टी 285.20 अंक बढ़कर 17,260 पर कारोबार कर रहा था।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,039.80 अंक यानी 1.86 प्रतिशत की तेजी के साथ 56,816.65 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक 14 सालों में इसके निवेशकों की संख्या 10 गुना बढ़ी है।
सेंसेक्स में सबसे अधिक 3.35 फीसदी की बढ़त एचडीएफसी में रही, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयर भी लाभ में रहे।
बीएसई सेंसेक्स 709.17 अंक लुढ़ककर 55,776.85 और एनएसई निफ्टी 208.30 अंक टूटकर 16,663 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के अंत में 935.72 अंक यानी 1.68 प्रतिशत चढ़कर 56,486.02 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, विप्रो और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर लाभ में थे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 49,492.7 करोड़ रुपये बढ़कर 16,22,543.06 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, हमारा मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के बीच निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
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