एशियाई बाजारों में कमजोर रुख की वजह से बुधवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय बाजार गिरकर खुले थे।
बाजार की शुरुआत के पहले आधे घंटे में सेंसेक्स 600 अंक टूट गया। वहीं निफ्टी भी 15500 के स्तर को तोड़ते हुए करीब 180 अंक टूट गया।
वैश्विक बाजार में तेजी का असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिला। बाजार में सात दिन बाद जोरदार तेजी लौटी। एनर्जी, ऑटो, फार्मा और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी रही।
शेयर बाजार में जोरदार तेजी लौटने से आज निवेशकों की संपत्ति करीब 6 लाख करोड़ बढ़ गई है।
वैश्विक बाजार में खरीदारी लौटने से भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिली। लॉर्ज कैप स्टॉक में सबसे ज्यादा रिकवरी देखने को मिली।
लॉर्ज कैप स्टॉक उन कंपनियों की होती है, जिनका कारोबार स्थापित होता है। लार्ज-कैप कंपनियों का मार्केट कैप 20,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक होता है।
सेंसेक्स में टाटा स्टील, एमएंडएम, पावरग्रिड, टेक महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो और आईसीआईसीआई बैंक गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुझानों से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,943.02 अंक या 5.42 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 908.30 अंक या 5.61 प्रतिशत टूटा।
गुरुवार को सेंसेक्स 1,045 अंक या 1.9 प्रतिशत गिरकर 51,570 पर और निफ्टी50 300 अंक से अधिक गिरकर 15,386 पर बंद हुआ।
गुरुवार को भी निफ्टी अहम स्तर को तोड़ते हुए 15300 पर बंद हुआ है। आईटी, एनर्जी, आटो इंडेक्स 2 प्रतिशत टूटे हैं, वहीं मैटल और रियल्टी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर, विप्रो, टेक महिंद्रा और पावरग्रिड के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट रही।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बाताया कि मजबूत फंडामेंटल वाले शेयर हमेशा निवेशकों को फायदा कराते हैं।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 153.13 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,693.57 अंक पर बंद हुआ।
दर्जनों सरकारी कंपनियों के IPO ने निवेशकों को पैसा डुबोया है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 12 वर्षों के दौरान बाजार निवेशकों को सरकारी कंपनियों (CPSE) के IPO से 4,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है ।
बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों के 6 लाख करोड़ डूब गए। दरअसल, जब शुक्रवार को बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 2,51,94,519.26 करोड़ रुपये था जो अब घटकर 2,45,31,646.22 करोड़ रुपेय रह गया।
महंगाई की चिंता से वैश्विक बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखने को मिल रही है। अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली आई है।
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस के बाजार मूल्यांकन में सामूहिक रूप से 45,746.13 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर निवेशकों के सतर्क रुख अख्तियार करने से घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट देखने को मिल रही है।
सेंसेक्स में गिरावट के रुख के बीच बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,08,291.75 करोड़ रुपये घटकर 2,54,33,013.63 करोड़ रुपये रह गया।
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