आज शुरुआती कारोबार के दौरान अडाणी पोर्ट्स के शेयर सबसे ज्यादा 0.84 प्रतिशत की तेजी के साथ ट्रेड कर रहे थे। इसके अलावा भारती एयरटेल 0.72 प्रतिशत, एनटीपीसी 0.58 प्रतिशत, सनफार्मा 0.53 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 0.43 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ, बजाज फिनसर्व, श्रीराम फाइनेंस और इंडसइंड बैंक में आज सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1 प्रतिशत की तेजी आई।
मंगलवार को शुरुआती कारोबार में टीसीएस सबसे ज्यादा 1.35 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। इंडसइंड बैंक के शेयर 1.15 प्रतिशत, अल्ट्राटेक सीमेंट 0.88 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 0.63 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज 0.57 प्रतिशत, इंफोसिस 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ ट्रेडिंग कर रहे थे।
आज के कारोबार में व्यापक बाजार मोर्चे पर, निफ्टी मिडकैप 100 0.29% ऊपर बंद हुआ, और निफ्टी स्मॉलकैप 100 1.74% ऊपर बंद हुआ। यह बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन था।
हफ्ते के पहले दिन यानी सोमवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुले। सेंसेक्स 243.41 अंकों की बढ़त के साथ 80,680.25 अंकों पर खुला तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी 95.20 अंकों की बढ़त के साथ 24,636.35 अंकों पर खुला।
बुधवार को शेयर बाजार काफी फ्लैट रहे थे और मामूली बढ़त के साथ बंद हुए थे। सेंसेक्स 149 अंकों की बढ़त के साथ 79,105 अंकों पर बंद हुआ था और निफ्टी 4.75 अंकों की बढ़त लेकर 24,143 अंकों पर बंद हुआ था। बुधवार को टीसीएस में 2.29 फीसदी, एचसीएल टेक में 1.96 फीसदी, टेक महिंद्रा में 1.47 फीसदी, इंफोसिस में 1.25 फीसदी और महिंद्रा
दुनियाभर के निवेशक पिछले कई सालों से जापान की बेहद कम ब्याज दरों का फायदा उठा रहे हैं। ये फायदा "येन कैरी ट्रेड" नाम की एक रणनीति से उठाया जा रहा था। येन कैरी ट्रेड के तहत निवेशक कम ब्याज दरों पर येन में पैसा उधार लेते हैं और फिर इन पैसों को दूसरे देशों में शेयर या बॉन्ड जैसे हाई रिटर्न वाले ऐसेट्स में इंवेस्ट कर देत
अमेरिकी बाजार सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ही नहीं बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिए बैरोमीटर का काम करता है। अमेरिकी शेयर मार्केट एक्सचेंज- डॉव जोन्स, एसएंडपी 500, नैस्डैक और बॉन्ड यील्ड पर दुनियाभर के निवेशकों की पैनी नजर होती है।
बीएसई सेंसेक्स 96.41 अंक टूटकर 79,552.51 अंक पर खुला है। वहीं, एनएसई निफ्टी 14.05 अंकों की कमजोरी के साथ 24,332.95 अंक पर कारोबार कर रहा है।
कारोबार के आखिर में बीएसई मिडकैप सूचकांक स्थिर रहा, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 0.5 प्रतिशत ऊपर रहा। कारोबार के दौरान रियल्टी में बढ़त और एफएमसीजी-पीएसयू बैंकों में गिरावट देखने को मिला।
बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान गिरावट दर्ज की गई लेकिन अब मार्केट में रिकवरी देखी जा रही है। घरेलू शेयर बाजार के मौजूदा हालातों को देखते हुए इंडिया टीवी ने जाने-माने मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन के साथ खास बातचीत की और बाजार का आउटलुक जानने की कोशिश की।
बाजार खुलने के कुछ देर बाद सुबह 09.23 बजे तक सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से टाटा मोटर्स के शेयर सबसे ज्यादा 0.63 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 0.48 प्रतिशत और भारती एयरटेल के शेयर 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, "इस सप्ताह सबका ध्यान वैश्विक बाजारों पर रहेगा क्योंकि हम स्थिरता की लंबी अवधि के बाद कमजोरी का असर देख सकते हैं।
गुरुवार को बड़ी गिरावट के बाद शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार तेज बढ़त के साथ खुले हैं। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।
शेयर बाजार में पिछले हफ्ते शुक्रवार से चल रही गिरावट आखिरकार बुधवार को थम गई। बुधवार को सेंसेक्स 874.94 अंकों की तेजी के साथ 79,468.01 अंकों पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी 304.95 अंकों के उछाल के साथ 24,297.50 अंकों पर बंद हुआ था।
बीएसई सेंसेक्स 946.97 अंक उछलकर 79,540.04 अंक पर खुला है। वहीं, एनएसई 296.85 अंकों की तेजी के साथ 24,289.40 अंक पर पहुंच गया है।
जब भारत की बात आती है, तो यहां के बाजार की स्थिति ज्यादा बेहतर और अधिक लचीला नजर आता है, जैसा कि हमें सोमवार को देखने को मिला। भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को एक बार फिर से बेहतर वापसी की।
आपको बता दें कि सोमवार को अमेरिका में मंदी की आहट से दुनियाभर के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट रही थी। बीएसई सेंसेक्स 2,200 अंक से अधिक का गोता लगाया था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 662 अंक की बड़ी गिरावट आई थी।
अमेरिकी मार्केट का असर भारतीय शेयर बाजार पर जोरदार दिखा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स आज 2222 अंक की गिरावट के साथ 78,759 पर बंद हुआ।
एनएसई के द्वारा 2008 में इंडिया VIX इंडेक्स की शुरुआत की गई थी। वैसे यह कंसेप्ट सबसे पहले शिकागो बोर्ड ऑप्शन एक्सचेंज द्वारा 1993 में पेश की गई थी।
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