मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) में ट्रेडिंग भी 26 जनवरी को बंद रहेगी।
सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार हाउ जोंस और नैस्डैक लाल निशान में बंद हुए थे। एसजीएक्स निफ्टी भी लाल निशान में कारोबार कर रहा है।
साल के अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 17,23,979.45 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ देश की सर्वाधिक मूल्यवान कंपनी रही।
आने वाले वक्त में वैश्विक कारक जैसे मंदी की आशंका, भू-राजनीतिक जोखिम और चीन में बढ़ते कोरोना वायरस के मामले शेयर बाजारों को अस्थिर रख सकते हैं।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 223.60 अंक की बढ़त के साथ 61,133.88 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 61,210.65 का हाई बनाया।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स मामूली 17.15 अंक गिरकर 60,910.28 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी पर भी दबाव देखने को मिला।
मंगलवार को सेंसेक्स मजबूती के साथ कारोबार करते हुए 361.01 अंक उछलकर 60,927.43 अंक पर बंद हुआ। इसके साथ ही एक बार फिर सेंसेक्स 61 हजार के करीब पहुंच गया।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में बड़ी गिरावट आने से नीचे स्तर से खरीदारी लौटी है। कई अच्छी कंपनी के शेयर ठीक वैल्यूएशन पर मिल रहे हैं।
शेयर बाजार में बंपर तेजी आने से निवेशकों की भी बल्ले-बल्ले हो गई। एक दिन में निवेशकों की 5 लाख करोड़ की कमाई हो गई।
आने वाले समय में अमेरिका के व्यापक आर्थिक आंकड़े और कोविड संक्रमण की स्थिति से बाजार की चाल निर्धारित होगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा, दिसंबर महीने के अनुबंधों की निर्धारित डेरिवेटिव समाप्ति निवेशकों को व्यस्त रखेगी।
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 10 कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह 1,68,552.42 करोड़ रुपये घट गया।
सेंसेक्स में शामिल 30 में से सिर्फ 5 शेयरों में तेजी रही। वहीं, 25 शेयरों में गिरावट देखने को मिली।
अमेरिकी बाजार की बात करे तो बुधवार को डॉओ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 526.74 अंक या 1.6 प्रतिशत बढ़कर 33,376.48 पर, एसएंडपी 500 56.82 अंक या 1.49 प्रतिशत बढ़कर 3,878.44 पर और नैस्डैक कंपोजिट 162.26 अंक या 1.54 प्रतिशत बढ़कर 10,709.37 पर पहुंच गया।
LKP सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड, एस रंगनाथन ने बताया कि चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामले में एकदम से उछाल आने से बाजार की धारणा प्रभावित हुई।
भारतीय इक्विटी बाजारों के मजबूत फंडामेंटल के बावजूद संस्थागत निवेशक प्रीमियम वैल्यूएशन को लेकर चिंतित हैं। जबकि मंदी अंतरराष्ट्रीय इक्विटी बाजारों के लिए एक नया डर है
सेंसेक्स में पॉवर ग्रिड, विप्रो, आईटीसी, भारती एयरटेल, नेस्ले, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा एचडीएफसी बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टूब्रो के शेयरों में गिरावट हुई।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का मानना है कि विदेशी पूंजी का प्रवाह वैश्विक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने कहा कि किसी भी बड़ी घटना के अभाव में बाजार वैश्विक सूचकांकों, विशेष रूप से अमेरिकी संकेतों से प्रभावित होगा।
दो दिन पहले यानि बुधवार 14 दिसंबर की बात करें तो बीएसई की कुल कंपनियों का मार्केट कैप 291.25 लाख करोड़ था। यानि मात्र 2 दिनों में मार्केट कैप करीब 5.5 फीसदी घट गया है।
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