आज गुरुवार को भी शेयर बाजार गिरावट के साथ लाल निशान में खुला था। बुधवार को स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई थी। कल बीएसई सेंसेक्स 984.23 अंकों की गिरावट के साथ 77,690.95 अंकों पर और एनएसई का निफ्टी 50 भी 324.40 अंकों की गिरावट के साथ 23,559.05 अंकों पर बंद हुआ था।
शेयर बाजार निवेशक डरे हुए हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि यह बाजार कहां तक टूट सकता है। अगर आप भी उन निवेशकों में हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। बाजार में तेजी लौटेगी।
बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 984.23 अंकों की गिरावट के साथ 77,690.95 अंकों पर आकर बंद हुआ। इस तरह एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 324.40 अंकों की गिरावट के साथ 23,559.05 अंकों पर बंद हुआ।
निफ्टी पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हीरो मोटोकॉर्प, एमएंडएम, मारुति सुजुकी, टाटा स्टील प्रमुख रूप से नुकसान में हैं, जबकि भारती एयरटेल, टाइटन कंपनी, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई लाभ में हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि आज बेंचमार्क इंडेक्स में भारी बिकवाली देखी गई, निफ्टी 257 अंक नीचे बंद हुआ जबकि सेंसेक्स 790 अंक नीचे रहा।
आज बीएसई सेंसेक्स 820.97 अंकों की गिरावट के साथ 78,675.18 अंकों पर बंद हुआ और इसी तरह एनएसई का निफ्टी 50 भी 257.85 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 23,883.45 अंकों पर बंद हुआ।
निफ्टी पर सन फार्मा, ट्रेंट, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक सबसे ज्यादा लाभ में हैं, जबकि ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी सबसे ज्यादा नुकसान में हैं।
एशियन पेंट्स के शेयर आज कारोबार के दौरान 2507.00 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंच गए थे, जो इसका नया 52 वीक लो भी बन गया। कंपनी के शेयरों का 52 वीक हाई 3422.00 रुपये है। ब्रिटानिया के शेयर भी आज 5401.75 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंच गए थे।
बीएसई सेंसेक्स 9.83 अंकों की मामूली बढ़त लेकर 79,496.15 अंकों पर बंद हुआ तो वहीं दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 6.90 अंकों की गिरावट के साथ 24,141.30 अंकों पर बंद हुआ।
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच कारोबार की शुरुआत में लगभग 1234 शेयरों में बढ़त हुई, 1452 शेयरों में गिरावट आई तथा 156 शेयरों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
आज बीएसई सेंसेक्स की 30 में से 15 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए और बाकी की 15 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह, निफ्टी 50 की भी 50 में 23 कंपनियों के शेयर तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुए।
ऑटो, मेटल, पावर, टेलीकॉम, फार्मा, रियल्टी में 1-2 प्रतिशत की गिरावट के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-0.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
भारतीय शेयर बाजार में आज आई तेजी के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत मुख्य वजह रही। ट्रंप की जीत से भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला।
अमेरिकी चुनाव में जैसे-जैसे ट्रंप की जीत पक्की होती गई, वैसे-वैसे बाजार की बढ़त भी बढ़ती चली गई और अंत में सेंसेक्स 901.50 अंकों की तेजी के साथ 80,378.13 अंकों पर बंद हुआ और निफ्टी 50 भी 270.75 अंकों की तेजी के साथ 24,484.05 अंकों पर बंद हुआ।
एक समय तो सेंसेक्स गिरते-गिरते 78,296.70 अंकों तक और निफ्टी 23,842.75 अंकों तक पहुंच गया था। हालांकि, दोपहर 1 बजे के बाद बाजार में खरीदारी में अचानक तेज उछाल देखने को मिला, जिसके बाद बाजार पहले तो हरे निशान में आया और फिर अंत में बड़ी बढ़त के साथ बंद हुआ।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के कारण ये गिरावट दर्ज की गई। इसी बीच भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट अपने 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
सोमवार को सेंसेक्स की 30 में से 24 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए और सिर्फ 4 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए। तो वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 50 की भी 50 में से 42 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि 23,500 पर निफ्टी का मजबूत सपोर्ट लेवल है। अगर बाजार एक बार टूटकर 23,500 पर जाता है तो वहां से रिकवरी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार निवेशकों को अभी साइड में बैठकर तमाशा देखना बेहतर होगा।
अगर पिछले महीने की बात करें तो निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए। अक्टूबर की शुरुआत में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4,74,86,463.65 रुपये था जो 31 अक्टूबर को घटकर 4,44,71,429.92 रह गया। इस तरह पिछले महीने निवेशकों के एक झटके में 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
सेंसेक्स में 26 स्टॉक्स लाल निशान में और सिर्फ 4 शेयर हरे निशान में ट्रेड कर रहे हैं। अमेरिकी चुनाव से पहले बाजार में यह बड़ी गिरावट आई है।
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