सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में कंपनियों को 2019- 20 वित्त वर्ष की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) करने के लिए 31 दिसंबर 2020 तक का समय दे दिया।
कनिष्ठ लेखा सहायक और कनिष्ठ इंजीनियर पदों पर 7 साल सेवा देने पर पर नियामक में ‘ग्रेड ए’ अधिकारी पद के लिये विचार
फरवरी 2020 में अजय त्यागी का कार्यकाल 6 महीने बढ़ा था
ग्रेड ए श्रेणी में सामान्य सहायक प्रबंधक, रिसर्च, आईटी, राजभाषा के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
संग्रहालय में सिक्योरिटी मार्केट का इतिहास और बाजार के बदलावों को प्रदर्शित किया जाएगा
निर्मला सीतारमण, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल सहित RBI, SEBI, IRDA के प्रमुख हुए बैठक में शामिल
कोरोना वायरस संकट को देखते हुए नतीजों के लिए समय सीमा बढ़ाई गई
कंपनियों को आंतरिक तौर पर डेटाबेस तैयार करना होगा
लॉकडाउन और कर्मचारियों की कमी की वजह से आंकड़े जुटाने में दिक्कत
इंडस्ट्री कृषि वायदा कारोबार को बढ़ाने की कर रही है मांग
आलू में वायदा अनुबंध को दोबारा शुरू करने के लिए एमसीएक्स ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से मंजूरी के लिए आवेदन किया है।
विख्यात निवेशक राकेश झुनझुनवाला की इनवेस्टमेंट फर्म एलकेमी कैपिटल के पास कंपनी में 2.05 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
ग्लैंड फार्मा की स्थापना पीवीएन राजू ने 1978 में की थी और फोसुन फार्मा ने 2017 में इसमें 74 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था।
वर्तमान में रुचि सोया की 99.03 प्रतिशत हिस्सेदारी (लगभग 29 करोड़ शेयर) पतंजलि ग्रुप की 15 कंपनियों के पास है। यह शेयर 3 साल के लिए लॉक हैं। शेष 0.97 प्रतिशत (लगभग 28 लाख शेयर) 82,000 पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है।
नियमों में नरमी से कंपनियों के लिए पैसा जुटाना आसान होगा
बाटा इंडिया के दिसंबर 2015 में समाप्त तिमाही के प्रदर्शन से जुड़ी अप्रकाशित सूचनाएं लीक हुईं थीं
सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सुझाव देने के लिए गठित इस समिति का कहना है कि ऐसा होने से एसएसई मौजूदा बाजारों की उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर ब्रोकरों के लिए ग्राहकों की फंडिंग और दैनिक मार्जिन संबंधी रिपोर्ट जमा करने की समयसीमा 30 जून तक बढ़ा दी।
अधिकारी के संपर्क में आने वाले सभी कर्मचारियों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया
लॉकडाउन से शेयर बाजारों, निपटान निगमों, डिपॉजिटरी, म्यूचुअल फंड कंपनियों, परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों, शेयर ब्रोकरों, निपटान-डिपॉजिटरी से जुड़े कारोबारियों और शेयर हस्तांतरण एजेंटों को राहत दी गई है।
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