आंकड़ों से पता चलता है कि एचएनआई कैटेगरी ने भी काफी सावधानी बरती और 15,000 से ज्यादा आवेदन वापस ले लिए गए। संस्थागत निवेशकों ने भी पीछे हटना शुरू कर दिया और इस कैटेगरी में 8 आवेदन वापस ले लिए गए। इस आईपीओ में निवेशकों ने शुरु में काफी दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन स्थिति अब बिल्कुल उलट हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2013-14 से 2022-23 के दौरान, 233 सूचीबद्ध कंपनियों ने कंपनी के कारोबार का पांच प्रतिशत के भीतर रॉयल्टी भुगतान किया। ऐसे मामलों की संख्या 1,538 थी।
भारत के संदर्भ में, लिस्टेड कंपनियां अपनी होल्डिंग कंपनियों या होल्डिंग कंपनी से जुड़ी सब्सिडरी कंपनियों को ब्रांड के इस्तेमाल, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आदि के लिए रॉयल्टी भुगतान करती हैं।
सेबी ने अपने कंसल्टेशन पेपर में कहा है कि न्यूनतम अनिवार्य निवेश राशि को 20 प्रतिशत से घटाया जा सकता है और कर्मचारियों के कुल वेतन के आधार पर स्लैब के हिसाब से इसे लागू किया जा सकता है।
हैदराबाद स्थित साई लाइफ साइंसेज के प्रस्तावित आईपीओ में 800 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और प्रोमोटर, निवेशक शेयरधारकों और अन्य शेयरधारकों द्वारा 6.15 करोड़ शेयरों का ओएफएस शामिल है।
सेबी ने अपने स्टेटमेंट में कहा, ऐसी गतिविधियां निवेशकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम 1956 और सेबी अधिनियम 1992 का उल्लंघन हैं।
इन कंपनियों के जुर्माना देने में विफल रहने पर मांग नोटिस आया है। सेबी ने सभी 6 कंपनियों को अलग-अलग नोटिस में प्रत्येक कंपनी को 25.75 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इसमें ब्याज और वसूली लागत शामिल है।
आईपीओ के जरिये एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी 10,000 करोड़ रुपये और अवांसे फाइनेंशियल सर्विसेज 3,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं। दस्तावेजों के मुताबिक, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ पूरी तरह से नए शेयरों का निर्गम है।
वनलाइफ कैपिटल एडवाइजर्स और नैग्स बीएसई में सूचीबद्ध इकाई फैमिली केयर हॉस्पिटल्स लिमिटेड के प्रमोटर हैं। ओसीएएल के मामले की एनएसई द्वारा उनकी तरफ से उत्पन्न आंतरिक अलर्ट के आधार पर भी जांच की गई थी।
सेबी ने कहा कि सफल बोलीदाता को संपत्ति के ट्रांसफर के लिए कानून के मुताबिक देय शुल्क/फीस जैसे लागू स्टाम्प शुल्क/हस्तांतरण शुल्क, पंजीकरण व्यय, फीस आदि का वहन करना होगा।
दक्षिण कोरिया की ऑटोमोबाइल कंपनी हुंदै की भारतीय सब्सिडरी कंपनी हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड ने जून में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। सेबी ने हुंदै मोटर इंडिया को 24 सितंबर को आईपीओ लाने की मंजूरी दी थी।
सेबी ने कहा, ''नए प्रोडक्ट का उद्देश्य अपंजीकृत और अनधिकृत निवेश योजनाओं या संस्थाओं के प्रसार को कम करना है, जो अक्सर अवास्तविक उच्च रिटर्न का वादा करते हैं और बेहतर यील्ड के लिए निवेशकों की अपेक्षाओं का फायदा उठाते हैं। इनमें वित्तीय जोखिम की आशंका होती है।''
बेंगलुरु स्थित कंपनी की योजना 6,664 करोड़ रुपये तक के ओएफएस घटक के अलावा, नए इक्विटी शेयरों के माध्यम से 3,750 करोड़ रुपये तक जुटाने की है।
फ्यूचर एंड ऑप्शन से जुड़े एक करोड़ से ज्यादा व्यक्तिगत कारोबारियों में से 93 प्रतिशत को 3 साल यानी वित्त वर्ष 2021-22 से 2023-24 के दौरान प्रत्येक कारोबारी को औसतन करीब 2 लाख रुपये (लेन-देन लागत सहित) का नुकसान हुआ। इस अवधि के दौरान ऐसे निवेशकों का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा।
एक्सिस बैंक की सहायक कंपनी एक्सिस कैपिटल ने स्पष्ट किया कि उसने एक साल से अधिक समय से ऋण खंड में कोई नया असाइनमेंट नहीं लिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 18 जुलाई, 2023 को सहारा ग्रुप की 4 मल्टी-स्टेट सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं की वैध जमा राशि के रिफंड क्लेम प्रस्तुत करने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल शुरू किया गया था।
सेबी की इस पहल से बोनस शेयर आवंटन और कारोबार के बीच समय अंतराल कम होगा जिससे जारीकर्ताओं और निवेशकों दोनों को लाभ होने की उम्मीद है।
NSE ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘हम ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि लाजार्ड एसेट मैनेजमेंट इंडिया नाम की कोई भी यूनिट सेबी के साथ स्टॉक ब्रोकर के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है। वॉट्सऐप ग्रुप में दिखाया जा रहा फर्जी सेबी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पूरी तरह से मनगढ़ंत और अवैध है।’’
कांग्रेस के आरोप पर बैंक ने कहा, ''आईसीआईसीआई बैंक या इसकी ग्रुप कंपनियों ने माधबी पुरी बुच को उनके रिटायरमेंट के बाद उनके रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अलावा कोई वेतन या कोई ईएसओपी (कर्मचारी शेयर विकल्प योजना) नहीं दिया गया है।''
कई तरह के बिजनेस से जुड़ी जेएसडब्ल्यू समूह की इकाई जेएसडब्ल्यू सीमेंट ने 16 अगस्त को सेबी के पास आईपीओ को लेकर कागज जमा की थी।
लेटेस्ट न्यूज़