इस साल जून में पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि साऊदी अरब हर साल 1.5 अरब डॉलर की तेल सुविधा उपलब्ध कराएगा। लेकिन अब खान की हालिया यात्रा के बाद साऊदी अरब ने नकद मदद की भी पेशकश की है।
सऊदी अरब ने महामारी से निपटने के लिए 15 लाख डॉलर से अधिक की चिकित्सा एवं निवारक सहायता मुहैया कराई है।
महामारी न होती तो सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन को नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ मंच साझा करने का मौका मिलता।
जो उपाय किए गए हैं, वे कड़े हैं लेकिन व्यापक वित्तीय और आर्थिक स्थिरता के लिए जरूरी हैं।
पहली तिमाही में बजट घाटा 9 अरब डॉलर पहुंचने से घटे रिज़र्व
कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए विभिन्न देशों ने लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध और अन्य उपाय किए हैं, जिसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है।
कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट के बीच कच्चे तेल में स्थिरता के उपायों पर चर्चा होगी
सऊदी अरब ने गुरुवार को तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और अन्य सहयोगी तेल उत्पादक देशों की अचानक से बैठक बुलायी है।
उत्पादन बढ़ने से कच्चे तेल की कीमत 17 साल के निचले स्तर पर पहुंची
सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय बाजार में डब्ल्यूटीआई क्रूड का भाव घटकर 28 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है वहीं ब्रेंट क्रूड का भाव 32 डॉलर के नीचे है।
सऊदी अरामको का बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 17 नवंबर को खुलेगा। कंपनी की ओर से जमा कराए गए दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है।
सऊदी अरामको ने रविवार को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए आईपीओ लाने की घोषणा की। सऊदी के शेयर मार्केट रेग्युलेटर से इसकी मंजूरी मिल गई है।
सऊदी अरब के बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन मंगलवार को यहां पहले दिन 15 अरब डॉलर से अधिक के 23 निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
सउदी अरब की विशाल पेट्रोलियम कंपनी सउदी आरामको अपने बहुप्रतीक्षित आरम्भिक सार्वजनिक निर्गम के साथ बाजार में उतरने के बाद 11 दिसंबर को पहली बार शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगी।
सऊदी अरब भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए देश में पेट्रो रसायन, बुनियादी संरचना और खनन समेत अन्य क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर निवेश करने की संभावनाएं देख रहा है।
जब अरामको के विश्व के दो सबसे बड़े तेल प्रसंस्करण संयंत्रों पर ड्रोन से हमला किया गया, तब इसकी तेज आवाज से न केवल सऊदी अरब के निवासी हिल उठे, बल्कि पूरा वैश्विक तेल उद्योग हिल उठा और व्यापारियों में अफरातफरी मच गई।
दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको पर ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति में प्रति दिन 57 लाख बैरल की कमी आई है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है। इसके चलते आने वाले महीनों में पूरी दुनिया सहित भारतीय बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने का अनुमान है।
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार को हुए ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमत बीते चार महीने में सबसे अधिक दर्ज की गई है। जो दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत है।
सऊदी अरब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने वाला पहला अरब देश बन गया है। जानिए क्या होता है एफएटीएफ।
दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश सऊदी अरब भारत में निजी क्षेत्र की प्रमुख पेट्रोलियम कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर एक ऑयल रिफाइनरी और पेट्रोकेमीकल प्रोजेक्ट में संयुक्त निवेश के लिए बातचीत कर रहे हैं।
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