साउदी अरब ने उत्पादन में कटौती आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। अब दुनिया भर में महंगाई को लेकर अनुमान गड़बड़ाने का डर सताने लगा है।
पाकिस्तान में सऊदी अरब के राजदूत ने हाल ही में संकेत दिए थे कि उनके देश ने ‘मुश्किल हालात में हमेशा पाकिस्तान की मदद की है और जल्द ही अच्छी खबर दी जाएगी।
सऊदी प्रेस एजेंसी के हवाले से प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, युवराज बिन सलमान ने पाकिस्तान में सऊदी अरब के निवेश को बढ़ाकर 10 अरब डॉलर तक पहुंचाने से संबंधित पहलुओं पर गौर करने का निर्देश दिया है।
इस साल जून में पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि साऊदी अरब हर साल 1.5 अरब डॉलर की तेल सुविधा उपलब्ध कराएगा। लेकिन अब खान की हालिया यात्रा के बाद साऊदी अरब ने नकद मदद की भी पेशकश की है।
भारत अपनी कुल जरूरत का 85 प्रतिशत तेल का आयात करता है। वह काफी लंबे समय से ओपेक और उसके सहयोगियों से उत्पादन कटौती को खत्म करने की मांग कर रहा है
सऊदी अरब ने महामारी से निपटने के लिए 15 लाख डॉलर से अधिक की चिकित्सा एवं निवारक सहायता मुहैया कराई है।
साउदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतें घटाने के लिए फॉर्मूला दिया है।
कच्चे तेल की कीमतें 10 महीने से ज्यादा समय के उंचे स्तर पर चली गई हैं। घरेलू एवं वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी जारी है।
महामारी न होती तो सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन को नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ मंच साझा करने का मौका मिलता।
अरेमको कंपनी बढ़ते कर्ज और कच्चे तेल की कीमतें गिरने के मद्देनजर अपनी बची पूंजी को खर्च करने से बच रही है। अरेमको से सऊदी को काफी राजस्व हासिल होता है लेकिन तेल की कीमतें गिरने से सरकारी खजाने में भी कमी आई है।
पेट्रोलियम विभाग के प्रवक्ता साजिद काजी ने कहा कि यह करार मई में समाप्त हो गया। वित्त विभाग इसके नवीकरण का प्रयास कर रहा है।
जो उपाय किए गए हैं, वे कड़े हैं लेकिन व्यापक वित्तीय और आर्थिक स्थिरता के लिए जरूरी हैं।
पहली तिमाही में बजट घाटा 9 अरब डॉलर पहुंचने से घटे रिज़र्व
कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए विभिन्न देशों ने लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध और अन्य उपाय किए हैं, जिसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है।
कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट के बीच कच्चे तेल में स्थिरता के उपायों पर चर्चा होगी
सऊदी अरब ने गुरुवार को तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और अन्य सहयोगी तेल उत्पादक देशों की अचानक से बैठक बुलायी है।
उत्पादन बढ़ने से कच्चे तेल की कीमत 17 साल के निचले स्तर पर पहुंची
सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय बाजार में डब्ल्यूटीआई क्रूड का भाव घटकर 28 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है वहीं ब्रेंट क्रूड का भाव 32 डॉलर के नीचे है।
सूत्रों ने बताया कि अरामको के आईपीओ को 4.65 गुना अभिदान मिला है और इसके लिए कुल 119 अरब डॉलर की बोलियां मिली हैं।
सऊदी अरामको का बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 17 नवंबर को खुलेगा। कंपनी की ओर से जमा कराए गए दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है।
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