अप्रैल में हुई अन्य प्रबंधन और कर्मचारियों की सैलरी में कटौती मई जून में भी जारी
प्रवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ कार्यकारी स्तर पर 15 से 20 प्रतिशत तक वेतन में कटौती होगी, जबकि कनिष्ठ कार्यकारी स्तर पर पांच प्रतिशत वेतन कम होगा।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 4.0 के ऐलान के बाद कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का अपना पुराना निर्देश वापस ले लिया है। इससे पहले 29 मार्च को कंपनियों को जारी निर्देश में कहा गया था कि वेतन में किसी भी कटौती के बिना निश्चित तारिख तक कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करे।
मीडिया में खबरे आई थी कि सरकार कर्मचारियों के वेतन में 30% कटौती कर सकती है
यूनियन के मुताबिक उनके वेतन की समस्या महामारी से पहले से ही जारी है
रोनोजॉय दत्ता ने कहा कि हमारे पास अब कोई और विकल्प नहीं है इसलिए मई से वेतन कटौती का निर्णय लागू होगा।
टॉप मैनेजमेंट पहले ही अपने वेतन में 15 फीसदी की स्वैच्छिक कटौती कर चुका है
15 लाख रुपये से कम पैकेज वाले कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं
दत्ता ने बताया कि कार्यकारी समिति के सदस्यों और वरिष्ठ उपाध्यक्षों ने इस महीने कम वेतन लेने की स्वेच्छा जताई है।
वेतन में कटौती 50 हजार से ज्यादा वेतन पाने वालों पर लागू होगी
कंपनी ने कहा कि इस महामारी से उसका कारोबार प्रभावित हुआ है लेकिन उसने जिन भी लोगों को नौकरी की पेशकश की है, उन्हें पूरा करेगी।
कोरोना वायरस महामारी ने एविएशन सेक्टर की कमर तोड़ दी है।
कोरोना वायरस महामारी को दशकों में दुनिया का सबसे बड़ा संकट बताते हुए हंपरीज ने कहा कि सभी वैश्विक कंपनियां लंदन से लेकर मुंबई, मनीला से लेकर न्यूयॉर्क तक इस महामारी के असर को महसूस कर रही हैं।
घाटे में डूबी एयरइंडिया के निजीकरण की कोशिश जारी
कोराना वायरस महामारी के कारण आय में काफी कमी हुई है, इससे एयरलाइन उद्योग का अस्तित्व संकट में है।
पिछले साल औसतन 8.2 फीसदी की बढ़त हुई थी
भारत में कंपनियां वेतन में औसत 7.8 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती हैं, जो 2019-20 में कर्मचारियों को मिली 8.2 प्रतिशत की वास्तविक वेतन वृद्धि के मुकाबले कम है।
एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय उद्योग जगत 2020 के मौजूदा समीक्षा सत्र में कर्मचारियों के लिये दहाई अंक में वेतन वृद्धि कर सकता है।
सालाना 13 लाख रुपए से अधिक वेतन और विभिन्न निवेश उपायों के जरिये दो लाख रुपए तक की कटौती पाने वाले व्यक्तियों को प्रस्तावित नई कर व्यवस्था अपनाने से कर भुगतान में लाभ हो सकता है।
टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) को लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।सीबीडीटी ने सर्कुलर जारी करते हुए कर्मचारियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206-AA के तहत अपने नियोक्ता को पैन और आधार नंबर देना अनिवार्य कर दिया है।
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