बजाज फाइनेंस लिमिटेड द्वारा पेश की गई फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम पर अधिकतम 7.35 प्रतिशत की ब्याज दर दी जा रही है। कंपनी की यह एफडी बिना किसी लॉक-इन पीरियड के साथ आती है और यह निवेशकों को उनकी जरूरत के मुताबिक आंशिक निकासी की अनुमति भी देती है।
स्विट्जरलैंड 5,989 डॉलर यानी 4,49,000 रुपये के औसत मासिक वेतन के साथ शीर्ष पर है। सूची में 2,700 रुपये यानी 36 डॉलर के औसत मासिक वेतन साथ क्यूबा सबसे नीचे है।
रम मंत्रालय ने नियमों में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। अधिक वेतन वालों को स्कीम से जुड़े रहने का विकल्प दिया जाएगा। बेरोजगार होने पर आर्थिक मदद तय लिमिट के हिसाब से होगी।
सर्वे के अनुसार 10 में से सिर्फ चार कंपनियों ने 2020 में कर्मचारियों को वेतनवृद्धि दी है। 33 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है।
एयर इंडिया के नॉन-फ्लाइंग (गैर-उड़ान) कर्मचारियों की वेतन कटौती तय समय में महंगाई भत्ते (डीए) के साथ बहाल हो सकती है, लेकिन पायलटों के लिए आय के नुकसान की भरपाई फिलहाल संभव नहीं है।
कंपनी ने 22 अप्रैल को भारत मे अपने कुछ कर्मचारियों को 4 मई से बिना वेतन की छुट्टी पर भेजने की घोषणा की थी।
बैंड-ए और बैंड-बी के कर्मचारियों के वेतन में कोई बदलाव नहीं
यदि किसी बैंक का परिचालन लाभ 5 प्रतिशत से कम रहेगा तो उसके कर्मचारियों को कोई इनसेंटिव नहीं मिलेगा।
नियमों के हिसाब से 60 फीसदी कर्मचारी कटौती के दायरे से बाहर रहेंगे
मुकेश अंंबानी ने तबतक के लिए अपना वेतन नहीं लेने का निर्णय किया जबतक कंपनी अपनी क्षमता अनुसार कमाई के रास्ते पर नहीं लौट आती।
बोर्ड ने कोविड-19 संकट के समाप्त होने तक वेतन नहीं लेने का निर्णय दोहराया
बैंक लॉकडाउन के दौरान 98 प्रतिशत शाखाओं के संचालन के साथ-साथ 91 प्रतिशत वैकल्पिक चैनल संचालन क्षमता हासिल करने में सक्षम था।
विप्रो ने 74वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के लिए एक नोटिस में कहा कि वह डेलपोर्टे को सीईओ एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी ली जाएगी।
केंद्रीय जीएसटी कानून 2017 की अनुसूची- तीन के तहत एक कर्मचारी द्वारा अपने नियोक्ता के लिए दी गई सेवाओं के तौर पर कर योग्य नहीं माना जा सकता है।
कंपनी ने कर्मचारियों के सीटीसी (कंपनी के लिए लागत) से वैरिएबल को हटा दिया है। इसके बदले में विशेष प्रदर्शन भत्ता शामिल किया गया है।
अप्रैल में हुई अन्य प्रबंधन और कर्मचारियों की सैलरी में कटौती मई जून में भी जारी
प्रवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ कार्यकारी स्तर पर 15 से 20 प्रतिशत तक वेतन में कटौती होगी, जबकि कनिष्ठ कार्यकारी स्तर पर पांच प्रतिशत वेतन कम होगा।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 4.0 के ऐलान के बाद कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का अपना पुराना निर्देश वापस ले लिया है। इससे पहले 29 मार्च को कंपनियों को जारी निर्देश में कहा गया था कि वेतन में किसी भी कटौती के बिना निश्चित तारिख तक कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करे।
मीडिया में खबरे आई थी कि सरकार कर्मचारियों के वेतन में 30% कटौती कर सकती है
यूनियन के मुताबिक उनके वेतन की समस्या महामारी से पहले से ही जारी है
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