Salary Hike : इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल इंडस्ट्रीज में 10 फीसदी वेतनवृद्धि होने का अनुमान है। इस साल औसतन 16.9 प्रतिशत कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी। जबकि 2023 में यह अनुपात 18.7 प्रतिशत और 2022 में 21.4 प्रतिशत था।
सर्वे के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव के बीच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक सैलरी इंक्रीमेंट भारत में जारी है। इस साल 9.5 फीसदी सैलरी इंक्रीमेंट हो सकता है।
सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि 2022 में, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में सबसे ज्यादा वेतन वृद्धि देने की संभावना है, इसके बाद जीवन विज्ञान (लाइफ साइंसेज) क्षेत्र आता है।
2020 में वेतन वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही थी। 2021 में इसके 8.8 प्रतिशत तथा 2022 में 9.4 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है। यह 2018 और 2019 के महामारी-पूर्व के स्तर के बराबर होगा।
एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार कंपनिया पिछले साल के मुकाबले कर्मचारियों को करीब दोगुना इंक्रीमेंट दे सकती हैं।
भारत में कंपनियां कोविड-19 संकट से उत्पन्न आर्थिक परेशानियों का सामना कर रही हैं बावजूद इसके बिजनेस रिकवरी को लेकर सकारात्मकता बढ़ रही है और इसका असर सैलरी इन्क्रीमेंट बजट पर दिखना अभी बाकी है।
सर्वे के अनुसार 10 में से सिर्फ चार कंपनियों ने 2020 में कर्मचारियों को वेतनवृद्धि दी है। 33 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है।
देश में वेतनभोगियों की 2020 में सालाना औसत वेतन वृद्धि 9.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है। यह एशिया में सबसे अधिक होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वेतन में हालांकि 10 प्रतिशत की वृद्धि एक रिवाज बनती जा रही है लेकिन यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक है।
अर्थव्यवस्था में नरमी के बावजूद देश में अगले साल निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
दिल्ली सरकार ने शनिवार को राज्य में अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल कर्मियों के न्यूनतम वेतन में करीब 37 फीसदी बढ़ोतरी करने को मंजूरी दे दी है।
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। 2017 में वेतन वृद्धि पिछले साल की तुलना में 1 प्रतिशत कम रहने का अनुमान है।
भारत में सभी तरह की नौकरियों के कर्मचारी 2017 में 10.3 प्रतिशत की औसत सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं जो पिछले साल से मामूली तौर पर अधिक है।
लेटेस्ट न्यूज़