रेलवे फिलहाल अपनी लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में LHB डिब्बों का इस्तेमाल करती है। यूक्रेन से सप्लाई न मिलने के कारण ये डिब्बे अब कम बन रहे हैं।
अमेरिका ने शुक्रवार को भारत से कहा कि वह रूसी तेल की मूल्य सीमा तय करने वाले गठजोड़ में शामिल हो।
पश्चिमी कंपनियों ने रूसी बाजार (Russia Market) से अपनी वापसी की घोषणा कर दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russian Ukraine War) के चलते कुछ कंपनियों ने अपने संचालन बंद कर दिए थे, वहीं कुछ अभी भी अपने काम को संचालित कर रही है।
"भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश और पांचवें या छठे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। उसे ज़रूरत नहीं है कि वो अमेरिका (America) और चीन (China) के धुरी में शामिल हो।"
Europe Gas Crisis: यूरोप तक जाने वाली नोर्ड स्ट्रीम1 पाइपलाइन के जरिये प्राकृतिक गैस की आपूर्ति घटाकर कुल क्षमता का 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
जिम्बाब्वे की मुद्रास्फीति बढ़कर 130 प्रतिशत से अधिक हो गई है। यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत से पहले जिम्बाब्वे की मुद्रास्फीति दर 66 प्रतिशत थी।
सूत्रों ने कहा कि रूस के साथ व्यापार डॉलर में तय किया जा रहा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय भुगतान तंत्र को अब तक पश्चिमी प्रतिबंधों के दायरे से बाहर रखा गया है।
हेबेक ने जी-7 देशों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक के बाद कहा, ‘‘रूबल में भुगतान करना मंजूर नहीं किया जाएगा।
गोयल ने कहा कि जिंसों के दाम, मुद्रास्फीति, पोत परिवहन तथा कंटेनर की कमी को लेकर चुनौतियां हैं।
शक्तिकांत दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद उच्च विदेशी मुद्रा भंडार और चालू खाते का घाटा निचले स्तर पर होने से अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की परिस्थितियों में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी का प्रभाव दुनियाभर में देखा जा रहा है। भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। जानिए क्या और कैसे पड़ता है इसका प्रभाव।
सूत्र ने कहा कि रूस से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के लिए हर देश को अपनी राष्ट्रीय प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।
कई रूसी बैंकों के लिए स्विफ्ट तक पहुंच को रोकना चिंताजनक है। रूस भारतीय चाय का सबसे बड़ा आयातक है।
रूस यूक्रेन युद्ध से सिर्फ तेल ही नहीं, खाने-पीने खेती गैस सीमेंट ऐसी फ्रिज की महंगाई से 25 प्रतिशत तक बढ़ेंगे आपके खर्चे
स्विफ्ट वैश्विक भुगतान प्रणाली से रूसी बैंकों को बाहर करने के बाद सोमवार तड़के अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूबल लगभग 26 प्रतिशत टूट गया था।
बीते सप्ताहांत अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ ही जापान ने भी रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों में बढ़ोतरी की।
दरअसल इसका कारण सूरजमुखी का तेल (Sunflower Oil) है। भारतीय रसोई घरों में प्रमुखता से प्रयोग में आने वाले सूरजमुखी के तेल का आयात यूक्रेन से ही होता है।
रूसी मुद्रा रूबल में तेज गिरावट आई और यह 10% गिरकर एक नए सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने का भाव 51,500 प्रति दस ग्राम पहुंच गया है। वहीं, चांदी की कीमत 65,500 प्रति किलोग्राम पहुंच गई है।
Russia Ukraine News: यूक्रेन संकट पड़ेगा आम भारतीय की जेब पर भारी, आटे-दाल से लेकर पेट्रोल-मोबाइल तक सब कुछ होगा महंगा
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