भारतीय रुपये के लिए साल 2022 बेहद खराब रहा है। अमेरिकी डॉलर ने 7 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आइए जानते हैं कि साल 2023 में रुपये की चाल कैसी रहने वाली है?
Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां...वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है।
हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कुछ शहरों डिजिटल रुपया भी लॉन्च किया है। इसका भी इस्तेमाल रुपए की तरह ही करा जा सकेगा। भारत में इस समय सिक्के और कागज के नोटों के रूप में भारतीय मुद्रा के रूप में इस्तेमाल की जा रही है।
आरबीआई ने जुलाई में घरेलू मुद्रा में सीमापार व्यापार लेनदेन पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे।
भारत में 1 दिसंबर से डिजिटल करेंसी का एक नया युग शुरू होने जा रहा है। अब आम लोग भी डिजिटल करेंसी में पेमेंट कर सकेंगे। जानिए क्या है Digital Rupee और कैसे करेगा काम
भारतीय करेंसी रुपया को मजबूत करने के तरीकों के बारे में पता चल गया है। इसी साल नोबेल पुरस्कार जीत चुके एक अमेरिकी अर्थशास्त्री ने एक शानदार तरकीब बताई है। आइए उसके बारे में जानते हैं साथ ही उस अमेरिकी के बारे में भी जानेंगे।
Rupees vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर कमजोर हो गया है। रुपये में गिरावट से एक ओर जहां व्यापार घाटा बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर जरूरी सामान के दाम में बढ़ोतरी होगी।
Rupee vs Dollar: रुपये में गिरावट आने से जुड़े एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सबसे पहली बात, मैं इसे इस तरह नहीं देखूंगी कि रुपया फिसल रहा है बल्कि मैं यह कहना चाहूंगी कि रुपये में मजबूती आई है।
में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘सबसे पहली बात, मैं इसे इस तरह नहीं देखूंगी कि रुपया फिसल रहा है बल्कि मैं यह कहना चाहूंगी कि रुपये में मजबूती आई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह जल्द ही विशिष्ट उपयोग के लिए ई-रुपये की पायलट आधार पर पेशकश करेगा। केंद्रीय बैंक भारत में डिजिटल मुद्रा का परीक्षण कर रहा है।
दुनिया की प्रमुख छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत बढ़कर 111.27 पर पहुंच गया
पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले 32 पैसे की भारी गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार को रुपया 81.62 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था।
Dollar Vs Rupees: US Fed के द्वारा बढ़ाई गई ब्याज दरों का भारतीय रुपया पर बुरा असर पड़ रहा है। रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होता जा रहा है। 28 सितंबर को रुपया ऑल टाइम लो (All Time Low) पर चला गया है।
Dollar Vs Rupee: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.47 पर खुला।
रिजर्व बैंक ने 6 फीसदी महंगाई को सहनीय स्तर माना है। लेकिन महंगाई इस सहनीय स्तर को बीते कई महीनों से पार कर रही है।
रुपया 44 पैसे की गिरावट के साथ पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81 के स्तर को पार कर गया।
Dollar Vs Rupee: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 80.27 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह और गिरकर 80.95 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया।
Dollar Vs Rupees: US Fed ने बुधवार को उम्मीद के मुताबिक ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसका असर भारतीय शेयर मार्केट से लेकर रुपये पर देखने को मिल रहा है। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया में 51 पैसे की रिकॉर्ड गिरावट आई है। एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया टूटकर 80.48 हो गया है।
World Currency: कोरोना महमारी के बाद पूरी दुनिया में महंगाई आसमान पर है। इसके चलते अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में मंदी का खतरा है। यही हाल इस समय ब्रिटेन (Britain) का भी है। ब्रिटेन की करेंसी लगातार गिर रही है। यूएस डॉलर (USD) के मुकाबले पाउंड (Pound) कमजोर होता जा रहा है।
अगस्त में रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर 80.15 प्रति डॉलर पर आ गया था। फिलहाल या 79.25 प्रति डॉलर पर है।
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