शेयर बाजार के पास मौजूद प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को पूंजी बाजार से शुद्ध रूप से 2,888.06 करोड़ रुपए की निकासी की।
जीडीपी को लेकर विश्व बैंक की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब चर्चा चल रही है कि 2025 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है।
ट्रेड वॉर बढ़ने की आशंका और ग्लोबल बाजारों में भारी गिरावट के बीच घरेलू शेयर बाजार में भी आज शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में ही बड़ी गिरवाट देखी जा रही है।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने रुपये में मजबूती तथा जीडीपी के पूर्वानुमान में कटौती के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान घटाकर 4.10 प्रतिशत कर दिया है।
विदेशी कोषों ने इस माह के दौरान अब तक 77 करोड़ डॉलर की बिकवाली की है।
शुरुआती कारोबार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे टूटकर 68.84 पर खुला।
गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 68.50 पर बंद हुआ था।
कमजोर विदेशी संकेतों के कारण बुधवार को घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई, लेकिन बाद में बाजार संभला।
घरेलू शेयर बाजारों की शुरुआत बुधवार को फीकी रही। सेंसेक्स में 150 अंक से ज्यादा की गिरावट देखी गयी।
वैश्विक और एशियाई बाजार के सकारात्मक संकेतों के बीच सोमवार को बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में बढ़त देखी गयी।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी आज सोमवार को बाजार ने सुस्त शुरुआत की है।एशियाई बाजारों में कमजोर कारोबार देखने को मिल रहा है।
भारत के लिए अच्छी खबर है। अब अमेरिका रुपए पर करीबी नजर नहीं रखेगा। अमेरिका ने भारत को मुद्रा की निगरानी समिति से बाहर कर दिया है।
चुनाव के परिणाम आने के बाद शुक्रवार को रुपए में रिकवरी आई।डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले सत्र से 26 पैसे की रिकवरी के साथ 69.75 रुपए प्रति डॉलर पर खुला।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं ये तो जगजाहिर है लेकिन मौजूदा दौर में पाकिस्तानी मुद्रा रिकॉर्ड अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान के रुपए की कीमत काफी गिर गई है।
रविवार को आए एक्जिट पोल अनुमानों का असर इंटरनेशनल ट्रेड पर भी पड़ता दिख रहा है। मतदान समाप्त होने के बाद जारी एक्जिट पोल के अनुमान सामने आने के बाद सोमवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुरुआती कारोबार में डालर के मुकाबले रुपया 79 पैसे की जोरदार तेजी के साथ 69.44 रुपये पर पहुंच गया।
घरेलू मुद्रा में गिरावट आने के साथ कराची स्टॉक एक्सचेंज-100 इंडेक्स भी 1.4 प्रतिशत टूट गया।
बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यातकों की डॉलर बिकवाली तथा विदेशी निधियों के सतत निवेश के कारण भी रुपए की तेजी को मदद मिली है।
कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पड़ने से भी रुपए को तेजी मिली।
अमेरिका के ताजा आर्थिक आंकड़े उत्साहजनक रहने से अन्य एशियायी मुद्राओं के आगे भी डॉलर में मजबूती का रुझान रहा।
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