निवेशकों को 2015 में दोहरा झटका लगा है। शेयर और सोना दोनों ने ही निवेशकों को निराश किया। इस साल सोना और सेंसेक्स ने दिया 6% निगेटिव रिटर्न दिया है।
कमजोर ग्लोबल संकेत और ज्वैलर्स की ओर से सुस्त मांग के कारण शनिवार को सोना 26,000 रुपए के मनोवैग्यानिक स्तर के नीचे फिसल गया। सोना 470 रुपए सस्ता हुआ है।
शेयर बाजार एक्सपर्ट्स के मुताबिक छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले चालू सप्ताह के दौरान घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
एक दशक बाद अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का असर भारतीय बाजारों पर असर दिखना शुरू हो गया है। कारोबार के शुरुआती में आई तेजी गायब होती नजर आ रही है।
पेट्रोल के दाम में 50 पैसे और डीजल के दाम में 46 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई। पेट्रोलियम प्रोडक्ट के दाम में यह कटौती उम्मीद से काफी कम मानी जा रही है।
जीएसटी विधेयक को लेकर राजनीतिक घटनाक्रमों और अनिश्चित ग्लोबल संकेतों से बाजार को दिशा मिलेगी। एनालिस्टों के मुताबिक आईआईपी के आंकड़े बाजार के लिए अहम है।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला जारी है। हफ्ते के पहल कारोबारी दिन के शुरूआती कारोबार में 8 पैसे टूटकर दो साल के निचले स्तर 66.84 पर आ गया।
डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की कमजोरी के साथ 66.80 पर खुला और देखते ही देखते 66.90 के स्तर पर आ गया, जो कि सितंबर 2013 के बाद का निचला स्तर है।
डॉलर के मुकाबले रुपए में आई गिरावट गिरावट का फायदा ऑयल कंपनियों को मिलेगा। फिच ने कहा सबसे ज्यादा लाभ एचपीसीएल, आईओसी, एपीसेज को होगा।
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