प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 900 अंकों से अधिक की तेजी देखने को मिली, जिसकी अगुवाई वित्त, आईटी और एफएमसीजी क्षेत्र के शेयरों ने की।
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और घरेलू इक्विटी बाजार में कमजोरी के चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गुरुवार को भारी गिरावट देखी गई और भारतीय मुद्रा 75 के स्तर से नीचे गिर गई।
भारतीय रुपये में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा और शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे टूटकर 74.03 पर आ गया।
वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच शुरुआती कारोबार में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 65 पैसे टूटकर 73.99 पर खुला।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस की वजह से पड़ने वाले प्रभाव के बीच मंगलवार को शेयर बाजार उतार-चढ़ाव भरे रुख के साथ खुले।
घरेलू शेयर बाजारों की नरम शुरुआत तथा कच्चा तेल की कीमतें बढ़ने से गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 26 पैसे गिरकर 71.80 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे की मजबूती के साथ 71.32 पर खुला।
बैंकों और आयातकों की मांग बढ़ने से सोमवार को शुरुआती कारोबार में मजबूती के साथ खुलने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया दो पैसे गिरकर 71.73 रुपए प्रति डॉलर रहा।
अमेरिका-चीन व्यापार करार को लेकर ताजा चिंताओं के बीच गुरुवार को शेयर बाजार सतर्क रुख के साथ खुले।
स्थानीय बाजार में विदेशी पूंजी निवेश का लगातार बने रहने और कच्चे तेल में नरमी के रुझान के बीच डालर के मुकाबले रुपये की विनियम दर सोमवार को शुरुआती कारोबार में 16 पैसे बढ़कर 70.65 रुपए प्रति डॉलर पर चल रही थी।
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन आज शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला, सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान पर खुले। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख से बीएसई के सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट देखी गई।
शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले सोमवार को रुपया नौ पैसे टूटकर 71.03 पर खुला। इसकी प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमतों में तेजी होना और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव की चिंताएं बढ़ना है। इसके चलते निवेशकों का रुख सावधानी भरा रहा।
शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार को 24 पैसे टूटकर 71.36 पर खुला। इसकी प्रमुख वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व का नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करना रही। सुबह के कारोबार में अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार पर भारी उतार-चढ़ाव का दौर देखा गया।
कच्चे तेल के दाम में आई जोरदार तेजी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल सोमवार को एक बार फिर मंद पड़ गई। डॉलर के मुकाबले रुपये में तकरीबन एक फीसदी की कमजोरी आई, जो कि देसी करेंसी में दो अगस्त के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
बैंकों एवं आयातकों की ओर से डॉलर की मांग आने और विदेशी पूंजी निकासी से रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 42 पैसे गिरकर 72.08 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी-चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर टकराव बढ़ने के संकेतों से भी रुपये पर दबाव रहा।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी आज सोमवार को बाजार ने सुस्त शुरुआत की है।एशियाई बाजारों में कमजोर कारोबार देखने को मिल रहा है।
घर में पड़े पुराने, यूनीक सिक्कों का संग्रह करने वाले इनकी बड़ी रकम देते हैं। इन सिक्कों को वेबसाइट, विदेशी क्वाइन मार्केट में बेचकर करोड़ों कमाए सकते है।
भारतीय रुपए की कीमत ही दूसरे देशों के मुकाबले कम है तो आप गलत है। क्योंकि दुनिया में बहुत सारे देश हैं जहां भारतीय रुपए की ज्यादा कीमत है।
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