रुचि सोया ने कहा, "सेबी के निर्देश के अनुरूप हम निवेशकों के संज्ञान में यह लाना चाहते हैं कि सभी बोलीकर्ताओं के पास 30 मार्च, 2022 तक अपनी बोलियां वापस लेने का विकल्प है।"
रामदेव ने कहा कि रुचि सोया शेयर बाजार में जारी उठापटक के बीच यह एफपीओ लेकर आई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रुचि सोया के उत्पादों एवं इस ब्रांड के प्रति लोगों के भरोसे को देखते हुए एफपीओ को बड़ी सफलता मिलेगी।
रुचि सोया में फिलहाल 98.9 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली पतंजलि शेयरों की ऊपरी दायरे पर खरीद होने पर करीब 19 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच देगी जबकि निचले दायरे पर यह बिक्री करीब 18 प्रतिशत की होगी।
प्रमोटर्स को एफपीओ के जरिये न्यूनतम नौ प्रतिशत हिस्सेदारी कम करनी होगी । सेबी की मंजूरी के बाद एफपीओ अगले महीने आ सकता है।
इस सौदे में कुछ कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग एग्रीमेंट्स के साथ कर्मचारियों, संपत्ति (चल व अचल), मौजूदा संपत्ति और मौजूदा देनदारियों, लाइसेंस व परमिट का ट्रांसफर शामिल है।
आचार्य बालकृष्णन (48) को पुन: कंपनी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनको भी सालाना एक रुपये का वेतन दिया जाएगा।
रुचि सोया ने बताया था कि जुलाई-सितंबर में उसका राजस्व 28.09 प्रतिशत बढ़कर 3990.72 करोड़ रुपए रहा। इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 54.88 प्रतिशत बढ़कर 126.73 करोड़ रुपए रहा।
पिछले साल पतंजलि ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया का अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपये में किया था। कंपनी के प्रवर्तकों की अभी कंपनी में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूचीबद्ध कंपनी होने के नाते रुचि सोया के प्रवर्तकों को अपनी शेयरधारिता तय सीमा तक नीचे लानी होगी।
वर्तमान में रुचि सोया की 99.03 प्रतिशत हिस्सेदारी (लगभग 29 करोड़ शेयर) पतंजलि ग्रुप की 15 कंपनियों के पास है। यह शेयर 3 साल के लिए लॉक हैं। शेष 0.97 प्रतिशत (लगभग 28 लाख शेयर) 82,000 पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है।
बाबा रामदेव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आगे आने वाले वर्षों में रुचि सोया में तीन गुना अधिक वृद्धि होगी।
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की बड़ी कंपनी रुचि सोया का अधिग्रहण कर लिया है
यह मंजूरी इस बात पर निर्भर करेगी कि समाधान पेशेवर को सुनवाई की अगली तारीख एक अगस्त से पहले पतंजलि को 600 करोड़ रुपए के कोष के सही स्रोत के बारे में सूचना देनी होगी।
पतंजलि आयुर्वेद ने खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया को खरीदने के लिए 4,325 करोड़ रुपए की संशोधित बोली लगाई थी।
बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद ने रुचि सोया के ऋणदाताओं के फैसले को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में चुनौती दी है।
पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार को कहा कि कंपनी दिवालिया एवं ऋण शोधन कार्यवाही का सामना कर रही रुचि सोया के अधिग्रहण से पीछे नहीं हटेगी और सौदा हासिल करने के लिये कानूनी समेत सभी विकल्पों को टटोलेगी।
अरबपति कारोबारी गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए 6,000 करोड़ रुपए की पेशकश की है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कंपनी अधिग्रहण के लिए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है।
बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने कर्ज बोझ तले दबी रुचि सोया के अधिग्रहण के लिये अपनी बोली राशि बढ़ा दी है। पतंजलि ने इस संबंध में अपनी संशोधित पेशकश को कर्जदाताओं की समिति को भेज दिया। सूत्रों ने बताया कि पतंजलि की ओर से पेश की गई नई बोली अदाणी समूह की बोली से 30 प्रतिशत ऊंची है।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) तीन कंपनियों-रुचि सोया, स्टर्लिंग बायोटेक और कनिष्क गोल्ड की जांच कर रहा है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि ये कंपनियां पहले ही समय पर कर्ज नहीं चुकाने के मामले में नियामकीय जांच का सामना कर रही हैं।
दैनिक उपयोग के सामान बनाने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने दिवालिया हो चुकी रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए 4,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
RBI ने कहा है कि अगर ये कंपनियां 3 महीने के भीतर कोई ठोस उपाय नहीं कर पाते हैं तो IBC के तहत इन्हें दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई शुरू की जाए।
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