देश में इस समय जनता के हाथ में मुद्रा का स्तर 18.5 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है जो इसका अब तक अधिकतम स्तर है। यह नोटबंदी के दौर की तुलना में दोगुने से अधिक है। नोटबंदी के बाद जनता के हाथ में मुद्रा सिमट कर करीब 7.8 लाख करोड़ रुपये रह गयी थी। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आयी है।
नोटबंदी के बाद कैश निकासी तेजी से घट रही है। यह इस तथ्य से साबित होता है कि 24 मार्च को समाप्त सप्ताह में कैश निकासी 32,500 करोड़ रुपए रही।
आरबीआई ने 500 और 2000 रुपए के नोट को लेकर क्लीन नोट पॉलिसी जारी कर दी है। इस होली रंगों से खेलने से पहले अपनी जेब को जरूर चेक ले नहीं तो महंगा पड़ेगा।
RSS से जुड़े विचारक एस गुरुमूर्ति ने कहा कि 2000 रुपए के नोट अगले पांच साल में बंद हो जाएंगेे और 500 का नोट ही सबसे बड़ी करेंसी होगा।
आज देशभर में तकरीबन 700 पेट्रोल पंपों ने डेबिट कार्ड को स्वाइप कर 2000 रुपए देने का काम शुरू कर दिया है। 500 व 1000 रुपए के नोट बंद करने से नकदी संकटहै।
500 और 1,000 रुपए के नोटों को अवैध घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह सुनवाई 15 नवंबर को हो सकती है।
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