एआईबीओसी और एआईबीईए का कहना है कि यह जरूरी है कि परिचालन दक्षता के वांछित स्तर को सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) पर नियंत्रण का दोहरापन खत्म होना चाहिए। उन्हें प्रायोजक बैंकों की तरह परिचालन और नियामकीय ढांचे के तहत लाया जाना चाहिए।
इस विरोध की जड़ में रेलवे की एनटीपीसी यानि नॉन टेक्क्निकल पॉपुलर कैटेगरी जिसमें टिकट क्लर्क जैसे पद भरे जाते हैं, वहीं ग्रुप डी की परीक्षा जिसमें गैंगमैन और अन्य निम्न पदों पर भर्तियां होती हैं।
आरआरबी के पूंजी आधार को मजबूत करने तथा इस मुश्किल समय में कृषि वित्त में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के मद्देनजर केंद्र की ओर से यह कदम उठाया गया है।
क्षेत्रीय बैंकों के मिलने वाली पूंजी में आधा हिस्सा केंद्र देगा
सरकार का इरादा RRB की संख्या को मौजूदा 56 से घटाकर 36 करने का है
सरकार ने शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के लिए चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) की पहचान की है। यह केंद्रीय बजट 2018-19 में की गयी घोषणा के अनुरूप है। सूत्रों ने कहा कि सूचीबद्धता के लिये दिशानिर्देश लगभग तैयार है। चार RRB आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने के योग्य हैं और इस साल ये निर्गम आ सकते हैं।
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