रिपोर्ट के अनुसार, 2013-14 से 2022-23 के दौरान, 233 सूचीबद्ध कंपनियों ने कंपनी के कारोबार का पांच प्रतिशत के भीतर रॉयल्टी भुगतान किया। ऐसे मामलों की संख्या 1,538 थी।
भारत के संदर्भ में, लिस्टेड कंपनियां अपनी होल्डिंग कंपनियों या होल्डिंग कंपनी से जुड़ी सब्सिडरी कंपनियों को ब्रांड के इस्तेमाल, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आदि के लिए रॉयल्टी भुगतान करती हैं।
रॉयल्टी के भुगतान के रूप में करोड़ों डॉलर के बराबर रकम विदेशी भागीदारों को चुकाई गई।
केंद्र सरकार ने प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन के मुद्दे की समीक्षा को एक 11 सदस्यीय समिति के गठन का फैसला किया है। इस समिति में विभिन्न राज्यों के खान सचिव भी शामिल होंगे।
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) अपनी जापान की मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्प को 2025 तक रायल्टी रुपए में दे सकती है। इससे सालाना व्यय कम होगा।
भारतीय कंपनियों की ओर से अपने विदेशी भागीदारों को रॉयल्टी भुगतान के बढ़ते प्रवाह को देखते हुए सरकार ने एक अंतर मंत्रालयी समूह का गठन किया है।
बंबई शेयर बाजार में सूचीबद्ध 32 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने 2015-16 में अपनी मूल वैश्विक कंपनियों को 7,100 करोड़ रुपए की रॉयल्टी भुगतान किया है।
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