रोसनेफ्ट के पास भारत की दूसरी सबसे बड़ी निजी तेल रिफाइनरी का स्वामित्व है। कंपनी की इच्छा दुनिया के तीसरे सबसे बड़े बाजार में अपना विस्तार करने की है।
रूस की पेट्रोलियम कंपनी रोसनेफ्ट के स्वामित्व वाली एस्सार ऑयल लिमिटेड ने अपनी कॉरपोरेट पहचान बदलने के लिए अपना नाम और लोगो बदलने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन की बीपी, रूस की रोसनेफ्ट, सदी आर्मको और ओएनजीसी, आईओसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी तेल कंपनियों के सीईओ के साथ आज बैठक की।
एस्सार ग्रुप ने कहा है कि वह एस्सार ऑयल के पूर्व-शेयरधारकों को सूचीबद्धता समाप्ति मूल्य के अलावा 75.48 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से अतिरिक्त भुगतान करेगी
एस्सार ऑयल और रोसनेफ्ट का यह सौदा देश में अब तक हुआ सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई है तथा रूस का विदेश में किया गया सबसे बड़ा निवेश भी है
नए रैनसमवेयर वायरस पीटरैप (Petrwrap) ने दुनियाभर के देशों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पीटरैप वायरस से भारत भी अछूता नहीं है।
एस्सार समूह ने अपनी गुजरात स्थित रिफाइनरी एस्सार ऑयल को रूस की रोसनेफ्ट को बेचने की आखिरी बाधा भी दूर कर ली है।
अरबपति भाई शशि और रवि रुइया ने अपने ग्रुप की कंपनी एस्सार ऑयल में 98 फीसदी हिस्सेदारी रूस की प्रमुख ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट को बेचने की घोषणा की है।
ONGC विदेश लि. (OVL) की अगुवाई में भारतीय कंपनियां रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी रोसनेफ्ट में हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में हैं।
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