मंत्री ने देशभर में ई-रिक्शा के प्रसार को देखते हुए ई-रिक्शा सुरक्षा में सुधार को विशिष्ट नियमों और दिशानिर्देशों की शुरुआत की भी बात कही।
भारत में प्रतिवर्ष पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है, जबकि तीन लाख लोग घायल होते हैं। इससे देश को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन प्रतिशत का नुकसान होता है।
राज्यों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि हादसे की आशंका वाली जगहों को ‘ब्लैक स्पॉट’ घोषित करने का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए।
ग्लोबल एनसीएपी के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड का कहना है कि किसी पैदल यात्री या साइकिल चालक को 90 सेमी ऊंचे बोनट वाली कार से टक्कर लगने पर 10 सेमी ऊंचे बोनट वाले वाहन से टकराने की तुलना में घातक चोट लगने का जोखिम 30 प्रतिशत अधिक होता है।
जैन ने कहा, "सड़क हादसे को घायलों को कैशलेस इलाज नजदीकी अस्पतालों में मोटर वाहन अधिनियम में परिभाषित 'गोल्डन ऑवर' के दौरान मुहैया कराया जाएगा।" किसी हादसे में घायल हुए लोगों की जान बचाने के लिहाज से हादसे के एक घंटे के भीतर का समय काफी अहम माना जाता है और इसे चिकित्सा जगत में 'गोल्डन ऑवर' कहा जाता है।
भारत में हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें लगभग दो लाख लोगों की मौत हो जाती है। सड़कों पर होने वाले झगड़ों, दंगों या आतंकवादी हमलों की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में अधिक लोग मरते हैं।
ज्यादातर मामलों में राजमार्गों और अन्य सड़कों के निर्माण में लागत वृद्धि निर्णय लेने में देरी के कारण होती है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, भारत अगले पांच साल में दुनिया का वाहन विनिर्माण केंद्र बन सकता है, लेकिन इसके लिए वाहन कंपनियों को सड़क हादसों में मृत्यु दर कम करने के लिए सुरक्षा संबंधी खूबियां (फीचर) बढ़ाने की जरूरत है।
मंत्रालय ने अनुसार वाहन बीमा के प्रमाण पत्र में मान्य मोबाइल नंबरों को शामिल करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। नए नियम एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी होंगे।
कंपनी का दावा है कि ड्राइवबडीएआई के उपकरणों से लैस कमर्शियल वाहनों ने बीते साल 5 लाख किलोमीटर से अधिक फासला तय किया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान भारत में कुल 3,66,138 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 1,31,714 लोगों की जान गई है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों और परिवहन सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि यह योजना 15 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी होगी।
सरकार ने गुरुवार को मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम-2019 में एक नई धारा 134 (ए) को जोड़ा है।
इस कोष के लिए धन बीमित वाहनों और हिट-एंड-रन मामलों के लिए जनरल इंश्योरेंस काउसिंल के माध्मय से बीमा कंपनियों से एकत्रित किया जाएगा।
सड़कों पर लापरवाही से ड्राइविंग के चलते बढ़ती दुर्घटनाओं को रेखांकित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सड़कों पर होने वाले अपराध के मामलों में मोटर वाहन अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता के तहत भी मुकदमा चलाया जा सकता है।
बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते समय दुर्घटना होती है तो आपको बीमा क्लेम लेने में काफी दिक्कत आ सकती है। पुलिस एफआईआर (FIR) में ही स्पष्ट उल्लेख करेगी कि दुर्घटना के समय मृतक या घायल ने हेलमेट पहना था या नहीं।
देश की सड़कों पर होने वाली करीब 20 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं नकली कलपुर्जों की वजह से होती है। इतना ही नहीं, बाजार में बिकने वाले करीब 30 प्रतिशत एफएमसीजी उत्पाद भी नकली होते हैं फिर भी 80 प्रतिशत ग्राहक मानते हैं कि वह असली उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं।
सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को आकस्मिक सेवाएं मुहैया कराने और उनके अंगों को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) भारत सरकार के साथ काम करने की इच्छुक है।
अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ( आईआरएफ) का सुझाव है कि एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली( इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम) लागू करने से यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की संख्या कम की जा सकती है।
IRDAI ने 28 मार्च को बढ़ाए गए गाड़ियों के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम में थोड़ी कटौती की है। नई दरें 1 अप्रैल से ही लागू मानी जाएंगी।
लेटेस्ट न्यूज़