इसके बाद दूसरे स्थान पर टीसीएस है, जिसका मार्केट कैप 8,07,419.38 करोड़ रुपए है। तीसरे स्थान पर एचडीएफसी बैंक है, जिसका मार्केट कैप 6,11,095.46 करोड़ रुपए है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण (एममकैप) बड़ी तेजी से बढ़ता हुआ बुधवार को 13.17 लाख करोड़ रुपये (176.4 अरब डॉलर) पहुंच गया।
लॉकडाउन से पहले 23 मार्च को बीएसई पर शेयर का भाव 875.9 रुपए था, जो बुधवार को बढ़कर 2000 रुपए के स्तर तक पहुंच गया।
इस लक्ष्य को पाने के लिए कंपनी परिवहनों में इस समय इस्तेमाल होने वाले ईंधन की जगह स्वच्छ बिजली और हाइड्रोजन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करेगी।
फेसबुक, इंटेल कॉर्प और क्वालकॉम के बाद अब गूगल भी जियो में रणनीतिक निवेशक बन गई है।
जियो ग्लास की मदद से ग्राहकों को मिलेगा वर्चुएल स्क्रीन का अनुभव
सूत्रों के मुताबिक निवेश के लिए बातचीत अगले चरण में पहुंची
कंपनी द्वारा जियो प्लेटफॉर्म्स में एक ओर निवेशक क्वालकॉम द्वारा 730 करोड़ रुपए का निवेश करने की घोषणा के बाद सोमवार को आरआईएल के शेयर में तेजी देखने को मिली।
कंपनी Jio Platforms में 0.15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी
एमईटी झज्जर में निवेश करने वाली सुजुकी जापान की तीसरी कंपनी
अगले 5 साल में ईंधन स्टेशन और कर्मचारियों की संख्या करीब 4 गुना करने की योजना
कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते लिया गया फैसला
अंबानी ने कहा कि अभी दक्ष, स्वच्छ व किफायती ऊर्जा उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मैं देख रहा हूं कि औद्योगिक क्रांतियों के बीच मानव जाति ने जो प्रगति की है, उसमें हमने कार्बन चक्र को असंतुलित कर दिया है।
बोर्ड ने कोविड-19 संकट के समाप्त होने तक वेतन नहीं लेने का निर्णय दोहराया
शुक्रवार को शेयर के बंद भाव पर आरआईएल भारत की ऐसी पहली निजी कंपनी बन गई है, जिसका बाजार पूंजीकरण 11.52 लाख करोड़ रुपए है।
आज के कारोबार में शेयर साल के नए उच्चतम स्तर पर पहुंचा
मुकेश अंबानी ने एक बयान में कहा कि 31 मार्च, 2020 तक हमारा शुद्ध कर्ज 161,035 करोड़ रुपए था। नए निवेश के साथ आरआईएल अब एक कर्ज मुक्त कंपनी बन गई है।
यदि कोई समझौता हो जाता है तो यह फ्यूचर समूह के लिए राहत भरी सांस होगी क्योकि इसके प्रवर्तक किशोर बियाणी मार्च में कर्ज चुकाने के मामले में डिफॉल्ट हो चुके हैं।
RIL ने पिछले दो माह के दौरान 14 अरब डालर की हिस्सेदारी की बिक्री की
मौजूदा प्रतिकूलताओं के बीच ऋण या देनदारियों को चुकाने के अलावा इस राशि का इस्तेमाल कारोबार को तेजी से बढ़ाने और अधिग्रहण के लिए किया जा सकता है।
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