वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर छमाही में केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के लिए नेट टैक्स रेवेन्यू 12.65 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 49 प्रतिशत था। सितंबर, 2023 के अंत में नेट टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन 49.8 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत में वाणिज्यिक 5G की शुरूआत वर्ष 2023 में ईएंडएम उद्योग के पूंजीगत व्यय को आकार देने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है।
मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, पटना, पुणे, भुवनेश्वर और जयपुर को मिलाकर यहाँ के लोग प्रतिदिन लाखों के चालान भरते रहते हैं। एक अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुणे में 130 करोड़ रुपए की चालान की राशि भुगतान बाकी है।
वहीं अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली छमाही के लिए, कुल आय पिछले साल के मुकाबले 32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना टोल आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। अभी यह 40,000 करोड़ रुपये के स्तर पर है।
पंद्रहवें वित्त आयोग ने पीडीआरडी अनुदान के लिए आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल की सिफारिश की है।
मार्च 2021 को समाप्त तिमाही के लिए दूरसंचार सेवा क्षेत्र का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) 48,587 करोड़ रुपये रहा है। वहीं इसी अवधि में सकल राजस्व 66,784 करोड़ रुपये रहा
सचिव ने कहा कि हम ऑटो सेक्टर को प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढ़ते देखना चाहते हैं, अगर प्रोद्योगिकी में बदलाव होता तो सेक्टर को भी इसी बदलाव के साथ बढ़ना होगा
मौजूदा वित्त वर्ष में पीडीआरडी के तौर पर पात्र 17 राज्यों को 5 किस्त में कुल 49,355 करोड़ रुपये की धनराशि अब तक जारी की जा चुकी है।
जीएसटी परिषद ने 28 मई को बैठक में यह निर्णय किया था कि केंद्र सरकार 1.59 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी और इसे राज्यों तथा विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जारी करेगी
वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान के रूप में 1,18,452 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश की थी। इस धनराशि में से अब तक चार किस्तों के तौर पर कुल 39,484 करोड़ रुपये की रकम जारी की गई है।
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केंद्रीय मंत्री के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की वित्तीय स्थिति काफी बेहतर है। देश का टोल राजस्व, फिलहाल प्रति वर्ष 34,000 करोड़ रुपये है, वह वर्ष 2025 तक प्रतिवर्ष 1.34 लाख करोड़ रुपये को छू जाएगा।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2019-20 में 21.56 प्रतिशत बढ़कर 424.72 करोड़ रुपये रहा है। वहीं कंपनी की ऑपरेशंस से आय 9,022.71 करोड़ रुपये, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 8,522.68 करोड़ रुपये के मुकाबले 5.86 प्रतिशत अधिक रही है।
चालू वित्त वर्ष 2020- 21 की अप्रैल से सितंबर अवधि के दौरान केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 9,13,993 करोड़ रुपये रहा है। और यह बजट अनुमान के 114.8 प्रतिशत तक पहुंच गया। बजट में 2020-21 में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
पिछले साल की इसी तिमाही के दौरान कंपनी का प्रॉफिट 1032 करोड़ रुपये रहा है। इसके साथ ही तिमाही के दौरान कंपनी की आय पिछले साल के मुकाबले 2 फीसदी की बढ़त के साथ 4897 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है। पिछले साल की इसी तिमाही मे कंपनी की आय 4801 करोड़ रुपये के स्तर पर थी।
COAI के महानिदेशक के मुताबिक सेक्टर में किसी कंपनी का एकाधिकार होना अच्छा नहीं है, लोगों को बेहतर सुविधाएं और बेहतर शुल्क के लिए सेक्टर में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा की जगह होनी चाहिए।
इससे पता चलता है कि अप्रैल, मई और जून में जो स्थिति थी उससे काफी बेहतर हालत में अब राज्य पहुंच गया है।
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