यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक सरल लेकिन बेहतरीन रूल है। इस नियम का सार यह है कि रिटायर होने से पहले अपने वार्षिक खर्चों से 30 गुना अधिक राशि जमा करें।
4% नियम बताता है कि आप हर साल अपने पोर्टफोलियो से उतनी ही राशि निकालते हैं, जिसे महंगाई के लिए समायोजित किया जा सके।
फाइनेंशियल प्लानर का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद अपने खर्च को वर्गीकृत करना चाहिए। फिर उसको लेकर प्लानिंग रनी चाहिए। रिटायरमेंट के बाद एक नियमित खर्च होता है, जिसमें खरीदारी, यात्रा दवा, आदि शामिल होता है।
लंबी अवधि के लिए आवश्यक सेवानिवृत्ति निधि की गणना करते समय, विभिन्न कारकों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली या एनपीएस, शेयर बाजार से जुड़ा, निवेश उत्पाद है। 18 से 60 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक एनपीएस खाता खोलने के लिए पात्र हैं।
सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर मोहंती ने कहा कि अभी इस पर कुछ बोलना जल्दबाजी होगा। मोहंती इस समिति के सदस्य हैं।
भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा अपनी सरल पेंशन स्कीम को लॉन्च करने के साथ ही इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि देश में एक प्रभावी रिटायरमेंट प्रोडक्ट की बहुत आवश्यकता है।
अगर आपने अभी तक रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए निवेश शुरू नहीं किया है तो अब देर मत कीजिए। जल्दी निवेश शुरू करने पर आप आसानी से रिटायरमेंट के लिए फंड जमा कर पाएंगे।
इंवेस्टमेंट प्रोफेशनल्स लोगों को आर्थिक लक्ष्य तय करने की सलाह देते हैं जिसे सिर्फ अपने पर्सनल फाइनेंस के प्रभावी प्रबंधन से ही प्राप्त किया जा सकता है।
रिटायरमेंट प्लान के बारे में कहा जाता है कि शुरुआत ‘जितना जल्दी हो, उतना ही बेहतर होता है’, लेकिन इसकी शुरूआत कभी भी की जा सकती है।
बचत और निवेश की शैली में भी शादी के बाद परिवर्तन होना स्वाभाविक है। अगर आप शुरु से ही बचत-प्रेमी हैं तो शादी के बाद भी नियमित बचत के अनुशासन को मत छोड़ें।
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