395 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के भाव पर 11.90 करोड़ शेयरों की बिक्री से सरकारी खजाने में लगभग 4,700 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है। बताते चलें कि ये भाव, मंगलवार को बंद हुए कंपनी के शेयरों के भाव से 6.23 प्रतिशत कम है।
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, इक्विटी नकदी खंड कारोबार में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023-24 में 35.9 प्रतिशत थी।
रिटेल निवेशक बाजार में एक स्मार्ट निवेशक की तरह काम कर रहे हैं और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और अन्य बड़े निवेशकों से कहीं आगे दिखाई देते हैं।
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार पर आने वाले कुछ समय तक फेडरल रिजर्व, चीन की अर्थव्यवस्था, कच्चे तेल की कीमतें और घरेलू बाजार में कंपनियों के तिमाही नतीजों का असर देखने को मिलेगा।
वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत में कुल डीमैट खातों की संख्या 4.1 करोड़ थी, जो वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 5.5 करोड़ हो गई।
शेयर बाजार में लगातार रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। बाजार से मिल रही कमाई की खबरों से आकर्षित होकर कई बार आम निवेशक बिना सोचे समझे निवेश करता है, जिससे किसी तेज गिरावट में उसे काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, जानिए वो कौन सी गलतियां है जो आम निवेशक बाजार में करते हैं।
आधुनिक प्रौद्योगिकी की वजह से आज मोबाइल एप का इस्तेमाल काफी आसान हो गया है।
सेबी प्रमुख की नए निवेशकों को सलाह, पहले जोखिममुक्त सरकारी प्रतिभूतियों में करें निवेश
वित्त मंत्रालय भारत-22 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की दूसरी खेप 19 जून से पेश करेगी। यह सरकार को बाजारों से 8,400 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने में मदद करेगी।
एल्गो ट्रेडिंग के माध्यम से शेयर बाजार में निवेशक अपने सौदों को कई गुना ज्यादा तेजी से डाल सकेंगे, अभी तक संस्थागत निवेशकों को ही इसकी इजाजत है
सरकार ने भारत-22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के तहत पहले दौर में 14,500 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इस फंड में 22 कंपनियों के शेयर शामिल हैं।
10,000 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 मुनाफावसूली के चलते 1.85 अंक की मामूली गिरावट के साथ 9,964.55 अंक पर बंद हुआ।
अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होने पर ज्यादातर रिटेल इंवेस्टर्स बाजार में दूसरे सिक्योरिटीज के मुकाबले शेयरों में ही निवेश को प्राथमिकता देते हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश अप्रैल में चार महीने के उच्चस्तर 9,429 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। खुदरा निवेशकों की भागीदारी से निवेश का प्रवाह बढ़ा है।
भारतीय कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों में गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी कर 29,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि खुदरा निवेशक 16 अगस्त से सरकारी प्रतिभूति (जी-सैक) बाजार में निर्बाध रूप से भाग ले सकेंगे।
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