कोरोना संकट की वजह से अप्रैल और मई के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी नहीं हुए
गरीब कल्याण योजना के तहत अनाज की मुफ्त आपूर्ति से महंगाई दर पर असर दिखा
मार्च के महीने में खाद्य महंगाई 10 फीसदी से नीचे आई
पिछले महीने लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत देखने को मिली है। थोक महंगाई दर फरवरी में घटकर 2.26 फीसदी पर आ गई। इससे पहले जनवरी में थोक महंगाई दर 3.10 फीसदी दर्ज की गई थी।
जनवरी माह में देश का औद्योगिक उत्पादन की दर बढ़कर 2 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले समान माह में 1.6 प्रतिशत थी।
आईएएनएस-सीवीओटर सर्वेक्षण से पता चला कि उत्तरदाताओं में से 43 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि बजट के बाद कीमतें नहीं घटेंगी।
केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के दायरे में रखने को कहा है। लेकिन खुदरा मुद्रास्फीति इस दायरे को पार कर काफी ऊंची चल रही है।
देशभर में प्याज की आसमान छूती कीमतों ने अब रिजर्व बैंक को भी परेशान करना शुरू कर दिया है।
देश की अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती में फिलहाल सुधार होता नहीं दिख रहा। बिजली, खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) अक्टूबर महीने में 3.8 प्रतिशत घट गया।
सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए हैं। खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 5.54 प्रतिशत हो गई जो पिछले महीने अक्टूबर में 4.62 प्रतिशत थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.1- 4.7 प्रतिशत कर दिया है।
खाद्य समूह की मुद्रास्फीति सितंबर के 5.11 प्रतिशत से उछलकर अक्टूबर में 7.89 प्रतिशत पर पहुंच गई।
वहीं दूसरी ओर थोक मूल्य सूचकांक आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति सितंबर महीने में गिरकर 0.33 प्रतिशत पर आ गई।
भारतीय रिजर्व बैंक अगले महीने मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों में और कमी कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति की दर रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुरूप रहने की संभावना है। ऐसे में केंद्रीय बैंक दरों में और कटौती कर सकता है।
गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर एक साल पहले जुलाई में 6.5 प्रतिशत रही थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 6.15 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व के माह यानि जून में 6.98 प्रतिशत थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जुलाई में 2.36 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व महीने में 2.25 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति जून में इससे पूर्व महीने के मुकाबले मामूली रूप से बढ़कर 3.18 प्रतिशत पर पहुंच गई।
खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से खुदरा मुद्रस्फीति मई महीने में बढ़कर 3.05 प्रतिशत पर रही।
आंकड़ों के अनुसार खाद्य पदार्थों की श्रेणी में महंगाई दर अप्रैल में 1.1 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मार्च में 0.3 प्रतिशत थी।
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