देश में घटती महंगाई और सुधरते आर्थिक माहौल के बीच रिजर्व बैंक (RBI) इस साल के अंत तक ब्याज की दरों में बदलाव कर सकता है। इससे होम (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) लेने वालों को राहत मिल सकती है।
आरबीआई के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता वकील रजनीश भास्कर गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर केंद्रीय बैंक ने अपने फैसले का बचाव किया।
रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद से सोशल मीडिया पर खूब मजे ले रहे है। लोग ट्विटर पर मीम्स के साथ 2000 रुपये के नोट की विदाई पर चुटकी ले रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, सहकारी बैंक पर प्रतिबंध तीन मार्च को कारोबार बंद होने से छह महीने तक लागू रहेगा और समीक्षा के अधीन होगा।
सरकारी प्रतिभूतियों को उधार देने और लेने (जीएसएल) का सौदा कम-से-कम एक दिन और अधिकतम 90 दिनों के लिये होगा।
6 फरवरी से 8 फरवरी के बीच चलने वाली आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक आज से शुरु हो गई है। पिछली बार भी ये बैठक दो महीने पहले दिसंबर में हुई थी। हर दो महीने में इसकी बैठक क्यों होती है? और किन बातों की समीक्षा की जाती है, आइए जानते हैं।
Gpay, PhonePe और Paytm का इस्तेमाल पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। ये दरअसल थर्ड पार्टी एप्स हैं। ऐसे में पैसा गलत ट्रांसफर होने में इनकी सीधेतौर पर कोई जिम्मेदारी नहीं होती है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब RBI की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश की जा रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते है
वर्ष 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के एक व्यवस्थित ढांचे के रूप में MPC का गठन किया गया था। उसके बाद से MPC ही नीतिगत ब्याज दरों के बारे में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई बनी हुई है।
सभी के मन में यह भी सवाल उठता है कि भारत में करेंसी नोट पर छपने वाली तस्वीरें कौन तय करता है और इससे जुड़े नियम एवं कानून क्या हैं।
रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी होने से रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। इस प्रकार बैंक भी इस बढ़ी लागत को ग्राहकों से वसूलेंगे जिससे कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी।
बयान में कहा गया है कि कंपनी पर प्रीपेड भुगतान उत्पादों (पीपीआई) को जारी करने और उनके परिचालन के निर्देशों के साथ केवाईसी नियमों के उल्लंघन के लिए यह जुर्माना लगाया गया है।
बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल खड़ा करना नहीं है
बैंक का परिसमापन होने पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा दावा कर सकेगा।
इससे पहले 22 अक्टूबर 2021 को खत्म हुए पिछले पखवाड़े में बैंक ऋण 6.84 प्रतिशत और जमा राशि 9.94 प्रतिशत बढ़ी थी। वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक ऋण में 5.56 प्रतिशत और जमा राशि में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
नियमों को ताक पर रखने वाली निजी कंपनियों पर एक बार फिर रिजर्व बैंक का हंटर चला है। आरबीआई ने पेटीएम और वेस्टर्न यूनियन पर जुर्माना लगाया है।
आरबीएल बैंक के निरीक्षण के बाद रिजर्व बैंक ने कुछ नियामकीय निर्देशों तथा बैंकिंग नियमन अधिनियम का अनुपालन नहीं करने का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई (मौद्रिक नीति को सख्त) तब करेगा, जब अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही होगी।’’ केंद्रीय बैंक ने छह अगस्त को अपनी समीक्षा में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सोमवार को जारी आंकड़े से यह जानकारी मिली। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही अपैल-जून में बिक्री 41.1 प्रतिशत घटी थी।
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