RBI ने कहा कि प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से बीमा दावे के तहत पांच लाख रुपये की सीमा तक अपनी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए देश के दो राज्यों में मौजूद दो बैंकों को बंद करने का आदेश दिया है।
RBI ने 19 मई को दो हजार रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि मौजूदा नोट को 30 सितंबर तक बैंक खातों में जमा किया जा सकता है या बदला जा सकता है।
RBI ने शुक्रवार को कहा कि सोने के बदले कर्ज देने वाली कंपनी पर यह जुर्माना विनियामक अनुपालन में खामियों के आधार पर लगाया गया है।
रिजर्व बैंक ने संदिग्ध लेनदेन की जानकारी हासिल करने के लिए बैंकों को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए निर्देश जारी किए हैं, इसके तहत बैंक सॉफ्टवेयर की मदद से संदिग्ध लेनदेन की जानकारी हासिल करते हैं और फ्रॉड पर कड़ी नजर रखते हैं।
देश में घटती महंगाई और सुधरते आर्थिक माहौल के बीच रिजर्व बैंक (RBI) इस साल के अंत तक ब्याज की दरों में बदलाव कर सकता है। इससे होम (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) लेने वालों को राहत मिल सकती है।
आरबीआई के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता वकील रजनीश भास्कर गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर केंद्रीय बैंक ने अपने फैसले का बचाव किया।
रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद से सोशल मीडिया पर खूब मजे ले रहे है। लोग ट्विटर पर मीम्स के साथ 2000 रुपये के नोट की विदाई पर चुटकी ले रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, सहकारी बैंक पर प्रतिबंध तीन मार्च को कारोबार बंद होने से छह महीने तक लागू रहेगा और समीक्षा के अधीन होगा।
सरकारी प्रतिभूतियों को उधार देने और लेने (जीएसएल) का सौदा कम-से-कम एक दिन और अधिकतम 90 दिनों के लिये होगा।
6 फरवरी से 8 फरवरी के बीच चलने वाली आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक आज से शुरु हो गई है। पिछली बार भी ये बैठक दो महीने पहले दिसंबर में हुई थी। हर दो महीने में इसकी बैठक क्यों होती है? और किन बातों की समीक्षा की जाती है, आइए जानते हैं।
Gpay, PhonePe और Paytm का इस्तेमाल पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। ये दरअसल थर्ड पार्टी एप्स हैं। ऐसे में पैसा गलत ट्रांसफर होने में इनकी सीधेतौर पर कोई जिम्मेदारी नहीं होती है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब RBI की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश की जा रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते है
वर्ष 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के एक व्यवस्थित ढांचे के रूप में MPC का गठन किया गया था। उसके बाद से MPC ही नीतिगत ब्याज दरों के बारे में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई बनी हुई है।
सभी के मन में यह भी सवाल उठता है कि भारत में करेंसी नोट पर छपने वाली तस्वीरें कौन तय करता है और इससे जुड़े नियम एवं कानून क्या हैं।
रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी होने से रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। इस प्रकार बैंक भी इस बढ़ी लागत को ग्राहकों से वसूलेंगे जिससे कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी।
बयान में कहा गया है कि कंपनी पर प्रीपेड भुगतान उत्पादों (पीपीआई) को जारी करने और उनके परिचालन के निर्देशों के साथ केवाईसी नियमों के उल्लंघन के लिए यह जुर्माना लगाया गया है।
बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल खड़ा करना नहीं है
बैंक का परिसमापन होने पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा दावा कर सकेगा।
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