भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी की चपेट में है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विश्व व्यापार में और भी गिरावट की आशंका व्यक्त की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के करीब आधा दर्जन बैंकों ने अपने ऋण की ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती की है।
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान 6.20 प्रतिशत से घटाकर बृहस्पतिवार को 5.80 प्रतिशत कर दिया।
बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, 'आरबीआई ने नौ अक्टूबर 2019 को अपने पत्र के जरिए यह सूचित किया कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लि. और इंडियाबुल्स कमर्शियल क्रेडिट लि. के लक्ष्मी विकास बैंक (एलवीबी) के साथ विलय के आवेदन को मंजूरी नहीं दी जा सकती।'
भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि दिसंबर में केंद्रीय बैंक रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती करेगा।
रिजर्व बैंक की आर्थिक वृद्धि को लेकर बढ़ती चिंता को देखते हुए देश के प्रमुख बैंकरों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान मार्च तक नीतिगत दर में 0.25 से लेकर 0.40 प्रतिशत तक और कटौती की जा सकती है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान बढ़ कर 434.60 अरब डॉलर की नयी ऊंचाई पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि एक अक्टूबर को विदेशी विनिमय भंडार ने ऊंचाई का नया रिकार्ड कायम किया।
आरबीआई ने नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (NEFT) को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब ग्राहकों को दिसंबर से 24 घंटे एनईएफटी के जरिए लेन-देन की सुविधा मिलेगी।
कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर दी। इस कटौती के बाद रेपो दर 5.15 प्रतिशत रह गई।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी (25 आधार अंक) की कटौती की है। त्योहारी सीजन में आम लोगों को आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती करके बड़ी राहत दी है। नीतिगत दर में आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार कमी की है।
RBI ने दिया दिवाली का तोहफा, रेपो रेट में की 25 आधार अंकों की और कटौती
अर्थव्यवस्था की सुस्सी दूर करने के लिए मोदी सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा के नतीजों की घोषणा आज सुबह 11.45 बजे करेगा।
त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में बाजार में मांग बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक भी शुक्रवार (4 अक्टूबर, 2019) को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में बड़ा ऐलान कर सकती है यानी आपको त्योहारी गिफ्ट मिलने की पूरी उम्मीद है।
विवादों में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने कथित तौर पर रिजर्व बैंक के आगे स्वीकार किया कि दिवालिया हो चुकी कंपनी एचडीआईएल को 6,500 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण दिये गये थे।
भारतीय रिजर्व बैंक शुक्रवार (4 अक्टूबर) को नीतिगत दरों में एक और कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो ब्याज दरों में यह लगातार पांचवीं कटौती होगी। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
रिजर्व बैंक ने विवादों में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑरपेटिव बैंक (पीएमसी) के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल ही पद से हटाने का सुझाव दिया था। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
केंद्र सरकार राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को पाने के लिए इस वित्त वर्ष के अंत तक रिजर्व बैंक से करीब 30 हजार करोड़ रुपए के अंतरिम लाभांश की मांग कर सकती है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गयी। 20 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 38.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 428.572 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में कमी और स्वर्ण आस्तियों के घटने के कारण यह गिरावट आई है।
रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति के मद्देनजर उसके खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) व्यवस्था के तहत कर्ज आदि देने संबंधी कई पाबंदियां लगा दी हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई अंत तक देश में कुल क्रेडिट कार्ड उपभोक्ताओं की संख्या 5,02,63,911 दर्ज की गई है।
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