महामारी की दूसरी लहर के बाद किरायेदारों का बड़े आकार के घरों की ओर रूझान बढ़ा है।
रेंट पर मकान ढूंढना हमेशा मुकिश्ल होता है। सबसे पहले बजट और लोकेशन दोनों सही मिलना मुश्किल होता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि यह नामुमकिन है। सही जानकारी होने पर आप कम बजट में भी सही मकान ले सकते हैं।
मॉडल टेनेंसी एक्ट या आदर्श किरायेदारी कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी है, जिसे अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जायेगा।
अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम में प्राइवेट कंपनियों को शामिल करने के लिए अभिरुचि पत्र भी जारी किया गया है। इसे जारी करते हुए मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत काफी सारी रियायतें दी जाएंगी
सरकार की योजना है कि शहरों में जरूरतमंद प्रवासियों को एक हजार से तीन हजार रुपए के किराये पर उपलब्ध कराए जाए।
देश में फिलहाल 1.1 करोड़ घर खाली पड़े हैं। सरकार की कोशिश है कि एक वर्ष के भीतर हर राज्य कानून को लागू करने के लिये जरूरी प्रावधान करें, जिससे घर किराए पर देने को लेकर मकान मालिकों के डर खत्म हों और ये खाली घर किराए के आवास के लिए उपलब्ध हो सकें।
दो योजनाएं.एक देश, एक राशन कार्ड और सस्ता किराया मकान परिसर (एआरएचसी) में उम्मीद के अनुरूप तेजी नहीं है।
बहुत से लोग अपनी संपत्ति को किराये पर नहीं देना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यदि आपका कानूनी आधार कमजोर हुआ तो आप अपनी संपत्ति को वापस नहीं पा सकेंगे।
क्या आप किराये के घर में रहते हैं। यदि इन सवालों के जवाब हां हैं, तो आपको अपने घर का सपना पूरा करने का सुनहरा अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।
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