सरकार ने अब तक राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को कोरोना वायरस के इलाज में काम आने वाली दवा रेमडेसिविर की 98.87 लाख शीशियां आवंटित की हैं।
कोविड -19 उपचार के इंजेक्शन रीमेड्सविर का विपणन करने वाली कंपिनयों को 21 अप्रैल से 16 मई के बीच राज्यों व केन्द्र शासित क्षेत्रों को 53 लाख शीशी यह दवा उपलब्ध कराने को कहा गया है।
देश में लाइसेंस प्राप्त सात घरेलू विनिर्माताओं की उत्पादन क्षमता 38 लाख शीशी प्रति माह से बढ़कर 1.03 करोड़ शीशी प्रति माह तक पहुंच गई है।
वर्धा की जेनटेक लाइफ साइंसेज को रेमडेसिविर इंजेक्शनन के विनिर्माण के लिए लाइसेंस मिला है।
इस संयंत्र से उत्पादित रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण नागपुर और विदर्भ के अन्य जिलों में किया जाएगा। जरूरत के अनुसार इसे महाराष्ट्र के दूसरे जिलों में भी वितरित किया जाएगा।
सरकार की कोराना संक्रमण के इलाज में उपयोग होने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शेन का उत्पादन अगले 15 दिनों में दोगुना कर करीब 3 लाख शीशी प्रतिदिन करने की योजना है।
सरकार की कोराना संक्रमण के इलाज में उपयोग होने वाले रेमडेसिविर इजेक्शेन का उत्पादन अगले 15 दिनों में दोगुना कर 3 लाख शीशी प्रतिदिन करने की योजना है।
कोरोना वायरस के उपचार के लिए इस समय जिस दवा रेम्डेसिविर की सबसे ज्यादा मांग है सरकार ने उसकी कीमतें शुक्रवार को घटाने की घोषणा की है।
देश में 7 कंपनियां रेमडेसिविर का उत्पादन कर रही हैं, जिनकी क्षमता फिलहाल करीब 38.80 लाख यूनिट प्रति महीना है।’ मांग बढ़ने पर सरकार दवा का उत्पादन बढ़ाने को लेकर घरेलू विनिर्माताओं के संपर्क में है।
कंपनी ने अगस्त, 2020 में रेमडैक को लॉन्च किया था, तब इसकी कीमत 2800 रुपये प्रति 100मिग्रा लीओफीलाइज्ड इंजेक्शन थी।
कंपनी 20,000 के सेट में 10,000 शीशियों की आपूर्ति हैदराबाद, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, मुंबई तथा महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में करेगी।
यह समझौता सिप्ला लिमिटेड, जुबिलेंट लाइफ साइंसेस, हेटेरो और मायलैन (सभी भारतीय) और फिरोजसंस लेबोरेटरीज (पाकिस्तान) के साथ किया गया है।
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