नेशनल हेराल्ड के वकील पी. एस. चम्पनेरी और कुछ अन्य बचावकर्ताओं ने कहा कि रिलायंस समूह के वकील रसेश पारिख ने हमें इस बारे में सूचित कर दिया है कि उन्हें समूह से मानहानि मामले को वापस लेने के बारे में निर्देश मिल चुका है।
वर्तमान में देश का खुदरा बाजार लगभग 700 अरब डॉलर का है और इसमें 90 प्रतिशत हिस्सेदारी असंगठित क्षेत्र की है।
भारती एयरटेल ने ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ढेर सारे प्लान और ऑफर्स की पेशकश की है।
स्पेक्ट्रम परीक्षण की मात्रा और अवधि पर विचार करने वाली समिति ने शुरूआती स्तर पर तीन महीने के लिए एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराने की सिफारिश की है।
सुपर एप से रिलायंस को भारत का वीचैट बनाने में मदद मिलेगी, वो भी एक ऐसे बाजार में जहां स्नैपडील, पेटीएम, फ्रीचार्ज, फ्लिपकार्ट और हाइक जैसे प्लेटफॉर्म विफल हो गए हैं।
जियो ने पिछले महीने 2 मार्च को 30 करोड़ ग्राहकों के आंकड़े को छुआ था। एयरटेल ने इस आंकड़े को अपने ऑपरेशन शुरू होने के 19वें साल में हासिल किया था।
आरआईएल पर तीसरी तिमाही में 42.7 अरब डॉलर का कर्ज था, जो 2018-19 की चौथी तिमाही में घटकर 33.2 अरब डॉलर पर आ गया है।
ट्राई द्वारा औसत स्पीड की गणना आंकड़ों के आधार पर की जाती है। यह आंकड़े वास्तविक समय के आधार पर ट्राई के माईस्पीड एप्लिकेशन की मदद से एकत्र किए जाते हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार को कहा कि उसने वेनेजुएला पर अमेरिकी पाबंदी का कोई उल्लंघन नहीं किया है। उसने लातिन अमेरिकी देश से रूस की रोसनेफ्ट जैसी कंपनियों से कच्चे तेल की खरीद की है और इसकी पूरी जानकारी अमेरिकी प्रशासन को है।
ऑयल रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल सेगमेंट के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद कंपनी ने अपने रिटेल और टेलीकॉम के मजबूत प्रदर्शन से रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है।
मोबाइल नेटवर्क एक्सपीरियंस रिपोर्ट में कहा गया है कि जियो का स्कोर एक प्रतिशत बढ़कर 97.5 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो लगभग छह महीने पहले 96.7 प्रतिशत था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस सौदे को लेकर दोनों कंपनियों के बीच जून 2019 में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
यह लाइसेंस टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को भारतीय और विदेशी एयरलाइंस को कनेक्टिविटी और डाटा सर्विस उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान करता है।
भारती एयरटेल ने 2,745.8 करोड़ रुपए का भुगतान किया है, जबकि रिलायंस जियो ने 1,109.1 करोड़ रुपए चुकाये हैं।
यह मामला मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के नियंत्रण वाली एक कंपनी से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसने भारत में गैस पाइपलाइन परियोजना का निर्माण किया है।
इस सौदे के बाद रिलायंस की कंपनी में करीब 87 प्रतिशत, जबकि शेष हिस्सेदारी हैप्टिक संस्थापकों और कर्मचारियों के पास होगी।
फरवरी माह में 3.61 एमबीपीएस की स्पीड के साथ रिलयांस जियो गीगाफाइबर ने एयरटेल, स्पेक्ट्रानेट और 7 स्टार डिजिटल सहित सभी को पीछे छोड़ दिया है।
बीएसई में कंपनी का बाजार मूल्यांकन 18,083.94 करोड़ रुपए बढ़कर 8,82,060.94 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इस प्रकार, कंपनी का बाजार पूंजीकरण 9 लाख करोड़ रुपए से केवल 17,939.06 करोड़ रुपए कम है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सौदा करीब 150 करोड़ रुपए में होने का अनुमान है। इस सौदे से रिलायंस रिटेल की मौजूदगी मजबूत होगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को कहा कि उसने वेनेजुएला के खिलाफ लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं किया है।
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