सूत्रों ने कहा कि नीलामी के पहले दौर में हिंदुजा और टॉरेंट दोनों समूहों ने नीलामी खत्म होने के बाद भी अपनी बोलियों को लगातार बढ़ाया है।
रिलायंस कैपिटल के बड़े कर्जदाताओं एलआईसी और ईपीएफओ की पहल पर यह ई-नीलामी की गई है। इन दोनों की सीओसी में सम्मिलित हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है।
लेनदारों की समिति (सीओसी) ने पहले दौर की नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये की फ्लोर वैल्यू तय की थी।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में कार्यरत रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को पिछले साल नवंबर में रिजर्व बैंक ने बर्खास्त करते हुए नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त कर दिया था।
हाल ही में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस कैपिटल की कर्ज समाधान प्रक्रिया के लिए समयसीमा 31 जनवरी, 2023 तक बढ़ा दी थी।
बोलीदाताओं के पास दो विकल्प हैं। पहले विकल्प के तहत वे पूरी कंपनी के लिए बोलियां जमा कर सकते हैं जबकि दूसरे विकल्प के तहत वे कंपनी के विशिष्ट कार्यक्षेत्रों के लिए बोली लगा सकते हैं।
Reliance Capital: सूत्रों ने बताया कि पक्की बोलियों के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग अन्य बोलीदाताओं ने भी की है।
सूत्रों ने बताया कि कर्ज समाधान योजना की समयसीमा इसलिए बढ़ाई गई क्योंकि कुछ संभावित बोलीदाताओं ने प्रशासक को पत्र लिखकर कुछ और वक्त देने का अनुरोध किया था।
आरसीएल ने बोलीदाताओं को दो विकल्प दिए हैं, पहला तो यह कि वे रिलायंस कैपिटल समेत उसकी आठ अनुषंगी एवं क्लस्टर के लिए बोली लगा सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि आरसीएल और इसकी अनुषंगी इकाइयों के ऋण समाधान के लिए 25 मार्च तक 54 बोलियां मिली थीं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक ने बोलियां जमा करने की अंतिम तारीख को 11 मार्च से बढ़ाकर 25 मार्च कर दिया था।
कारोबारी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल का नुकसान दिनों दिन घटता जा रहा है।
रिलायंस ग्रुप की यह दूसरी कंपनी है, जिसके लिए ऑथम विजेता के रूप में सामने आई है। पिछले महीने रिलायंस होम फाइनेंस के अधिग्रहण के लिए ऑथम के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी।
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस का दिसंबर तिमाही का शुद्ध घाटा 339.55 करोड़ पर पहुंच गया।
हिस्सेदारी बिक्री को लेकर रूचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि एक दिसंबर थी। कर्जदाताओं के सलाहकार एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज को अंतिम तिथि तक कुल 60 अलग-अलग बोलियां प्राप्त हुई हैं।
अनिल अंबानी ने अदालत में हलफनामा पेश करते हुए कहा कि इस साल जनवरी से जून के बीच उन्होंने 9.9 करोड़ रुपए मूल्य के गहनों की बिक्री की है और अब उनके पास कोई कीमती गहना नहीं बचा है।
रिलायंस कैपिटल ने संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बारे में ट्रस्टी द्वारा इसी सप्ताह रुचि पत्र (ईओआई) जारी किया जाएगा।
अंबानी ने कहा कि समूह ने वित्तीय सेवा क्षेत्र में संकट, रेटिंग एजेंसी एवं ऑडिटरों की तर्कहीन कार्रवाई और आर्थिक सुस्ती को ऋण कारोबार से बाहर निकलने की वजह बताया।
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में चार गुना उछलकर 1,218 करोड़ रुपये पहुंच गया। कंपनी की आय बढ़ने से उसका मुनाफा बढ़ा है।
अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि वह अगले तीन से चार महीने में कुल कर्ज 50 से 60 प्रतिशत कम कर लेगी।
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